पावनसिटी समाचार पत्र हरदा
संपादक – अशफाक अली
हरदा जिले में सूचना का अधिकार को अधिकारी एवं कर्मचारी मजाक में लेते हैं अगर कोई आवेदक सूचना के अधिकार में जानकारी लेते हैं तो उसे नफरत की निगाह से देखा जाता है खास तौर से जब वह पत्रकार हो जैसे कि एक पुरानी कहावत है “एक तो करेला ऊपर से नींम चढ़ा” फिर तो मत पूछिए साहब उसे क्या-क्या नहीं समझा जाता और क्या क्या प्रयास किए जाते हैं उसके लिए और तो और कई बार तो इसका विरोध पत्रकारिता जगत में भी देखने को मिला जाता है मूल रूप से सूचना का अधिकार पारदर्शिता और शासन हित लोकहित जनकल्याण के लिए बनाया गया था परंतु अधिकारियों के द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम की बार-बार अवहेलना करना जानकारियां गलत एवं भ्रामक उपलब्ध कराना यह एक वर्तमान प्रचलन जैसा बन गया है ऐसा ही मामला एक हरदा जिले का सामने आया है जहां ग्रामीण यात्री की सेवा संभाग के तत्कालीन कार्यपालन यांत्रिक पुष्पराज सिंगादीया के कार्यकाल में आवेदक गोविंद सकतपुरिया के द्वारा कार्यालय में चल रहे कार्यो के संबंध में जानकारियां मांगी गई थी समय सीमा 30 दिन पूरे होने से बचने के लिए कथित रूप से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी के द्वारा 1722 भेजो की जानकारी का जिक्र किया गया जिसका 2 रुपए प्रति पृष्ठ के हिसाब से 3444 हो रहे थे आवेदक गोविन्द सकतपुरिया के द्वारा समय सीमा में राशि जमा की गई। लोक सूचना अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग हरदा के द्वारा आवेदक को आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान करने के मंसूबे से राशि बढ़ाकर पत्र भेजा गया। तत्कालीन कार्यपालन यंत्री पुष्पराज सिंगादिया ने देखा कि आवेदक के द्वारा शीघ्र शुल्क को जमा किया गया तो उन्होंने पेजों को बढ़ाने के लिए सीएम हेल्पलाइन कलेक्टर शिकायत प्रतिवेदन जिला पंचायत शिकायत प्रतिवेदन जनसुनवाई शिकायत आवेदन की जांच और भी अन्य प्रकार की भ्रामक और कथित जानकारी के पेज उसमें डाल दिए गए थे जो आवेदक के द्वारा अपने आवेदन में कहीं भी लिखा नहीं गया था और ना ही आवेदक को से कोई सरोकार था ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग हरदा में लोक सूचना अधिकारी और प्रथम अपील अधिकारी दोनों एक ही कार्यालय के होने के कारण प्रथम अपील में संतुष्टी जनक निर्णय नहीं दिया गया आवेदक हताश होकर द्वितीय अपील अधिकारी राज्य सूचना आयोग तक पहुंचने के लिए मजबूर कर दिया पर आवेदक हताश ना होते हुए राज्य सूचना आयोग पहुंचा सुनवाई
राज्य सूचना आयुक्त डॉ. वंदना गांधी के द्वारा मामले का परीक्षण किया गया जानकारियां देखते हुए बताया कि भ्रामक और गलत जानकारियां दी गई आपको सही जानकारी दिलाई जाएगी एवं आपके द्वारा जो राशि 3444 जमा की गई थी वह वापस दिलवाई जाएगी एवं लोक सूचना अधिकारी को आदेश करते हुए कहा कि जानकारी उपलब्ध किया जानाआरटीआई गोविंद सकतपुरिया द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 19(3) के तहत दिनांक 20/ 12/2024 को आयोग का कार्य में द्वितीय अपील में दस्तावेज के प्रस्तुत की गई लोक सूचना अधिकार अधिकारी के प्रतिवेदन में उल्लेख किया गया कि आवेदक द्वारा सूचना दी कर अधिनियम के आवेदन दिनांक 12/9/24 के माध्यम से पांच बिंदुओं में जानकारी चाहिए गई थी जिसके संबंध में 30/ 9/2014 विश्व को रुपए ₹3444/की मांग आवेदक की गई थी आवेदक द्वारा शुल्क अदा करने के पश्चात 1722 पेज दिनांक 13 /10/2024 को प्राप्त किए गए इसके पश्चात पत्र 21 /11 /2024 को आवेदक को सूचित किया गया कि जो प्रश्न सत्यापित करने से छूट गए हैं सिर्फ पांच दिवस में व्यस्त करें ताकि उन्हें स्पष्ट और सत्यापित कर उपलब्ध करने की छठ कराई जाए किंतु आवेदक द्वारा कोई कार्य भाई नहीं की गई द्वारा आयोग के समक्ष कथन और प्रतिवेदन के अनुसार लेख किया की सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6(1) के आवेदन से भिन्न सीएम हेल्पलाइन से के प्रति शिकायत के प्रतिवेदन की जनसुनवाई के प्रतिवेदन जिला कलेक्टर के द्वारा ग्रामीण यांत्रिक सेवा संभाग हरदा को सोपे गए कार्यो एवं शिकायत के प्रति जिला पंचायत सीईओ को प्राप्त शिकायतें जांच प्रतिवेदन जो मुख्य कार्यालय पालन यंत्री ग्रामीण तांत्रिक सेवा संभाग को सौंपे गए जांच के संबंध में प्रतिवेदन दिए गए थे जो लोग सूचना अधिकारी कार्यपालन यात्री के द्वारा उन्हें आर्थिक रूप से क्षति पहुंचाते हुए जिला पंचायत सीईओ को भी प्राप्त शिकायत जांच प्रतिवेदन जो मुख्य कार्यालय ग्रामीण यांत्रिक सेवा संभाग हरदा को सोपे करें जांचों के संबंध में प्रतिवेदन दिए गए थे जो लोग सूचना अधिकारी कार्यालय यंत्री के द्वारा उन्हें आर्थिक रूप से क्षति पहुंचाते हुए 1722 पेज की जानकारी से गुमराह एवं भ्रामक रूप से प्रदान की गई जिससे उन्हें 3444/ की आर्थिक हानि हुई जानकारी आवेदन के बिंदु के अनुसार उपलब्ध कराते हुए उनके द्वारा जो राशि जमा की गई है वह वापस कराई जाए और लोकसभा एवं लोक सूचना अधिकारी पर कार्रवाई किए जाने के निवेदन किया गया प्रकरण का निरीक्षण किया गया परीक्षा उपरांत पाया की आरटीआई आवेदक को शुल्क अदा करने के पश्चात भी आवेदन के विभिन्न जानकारियां उपलब्ध कराई गई अतः लोग सूचना अधिकारी की आदेश किया जाता है कि उनके द्वारा अपील आरती को चिन्ह पांच बिंदुओं के वार्षिक 1722 पेस्ट की जानकारी उपलब्ध कराया अचानक बताया था उसके संबंध में बिंदु की जानकारी का विवरण एवं पेज की संख्या व उपलब्ध नहीं कराई गई जानकारी के कारण का उल्लेख करते हुए तालिका स्वरूप से स्पष्ट प्रतिवेदन आगामी सुनवाई पर व्यक्तिगत उपस्थित होकर अनिवार्य रूप से प्रस्तुत किया जाना सुनिश्चित करें इसकी प्रति आरटीआई आवेदक को प्रेषित की जाए
ग्रामीण यांत्रिक सेवा संभाग हरदा के द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता से गलत जानकारी देने के मामले में राज्य सूचना आयोग ने लोक सूचना अधिकारी हरदा को राशि वापस करने के लिए कहा आगामी सुनवाई पर व्यक्तिगत उपस्थित होकर अनिवार्य रूप से प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाना सुनिश्चित करें 26/ 09 /2025 को दूसरी सुनवाई में प्रस्तुत करें एवं उपस्थित होl