Narmadapuram news : बारिश के मौसम की शुरूआत होने वाली है बारिश के मौसम में बरसात के दौरान घरों के आस-पास गड्डों में या खाली पड़े प्लास्टिक बर्तनों टायरों खुली टंकियों में पानी के जमाव से मलेरिया मच्छर का प्रकोप बड़ जाता है।
कलेक्टर सोनिया मीना ने मलेरिया की रोकथाम एवं मलेरिया के बचाव के लिए आवश्यक उपाय के संबंध में बैठक का आयोजन किया। जिला मलेरिया अधिकारी अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि मलेरिया की जांच एवं उपचार निरंतर किया जा रहा है। घरों में फॉगिंग भी करवाई जा रही है लेकिन फागिंग का असर धीमा होता है केवल 5 से 7 मिनट रहता है। हमारे लिए फिजिकल कंट्रोल महत्वपूर्ण है। घर के आसपास पानी का जमाव न होने दें। पानी को ढक कर रखें, यदि खुले गड्ढे में अन्य जगह पानी का जमाव है तो वहां पर मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने के लिए तेल का छिडक़ाव करें। कूलर की प्रति सप्ताह सफाई करें। पानी बदले।
घर में खुले में पानी का स्टोर ना करें, टायरों में, गड्ढे में, खुली टंकियो में पानी के जमाव से मलेरिया मच्छर के लार्वा बनने की संभावना रहती है। मलेरिया होने पर केवल एलाएजा टेस्ट ही कराए क्योंकि एलाएजा टेस्ट ही मान्य है। सभी सरकारी विभाग अपने कार्यालय के कूलर पर पानी का जमाव न होने दे। हर सप्ताह पानी बदलते रहे। सभी अपने-अपने घरों मे खुले बर्तन, खुली टंकी में, हैंड पंप के आसपास पानी का स्टोर ना करें।
श्रीवास्तव ने बताया कि कूलर मच्छरों के बिडिग का सबसे बड़ा स्रोत है, यहां पर मच्छरों के पनपने की अपार संभावनाएं रहती हैं। कलेक्टर ने आदेश दिए की सभी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं नगर पालिका अधिकारी अपने अपने क्षेत्र में मलेरिया विरोधी अभियान चलाएं। लोगों को मलेरिया से बचने के लिए स्वच्छता एवं साफ सफाई अपनाने के लिए जागरूक करें। खुले में पानी का स्टोर करने करने के लिए मना करें।
मलेरिया बुखार की पहचान कैसे करें
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि मलेरिया बुखार के लक्षण आधार पर मलेरिया की पहचान करना आसान है, मलेरिया होने पर कंपकपी के साथ तेज बुखार, सर दर्द, उल्टी होना, बेचैनी, कमजोरी, सुस्ती लगती है। रुक रुक कर बुखार आता है। पसीना आकर बुखार उतर जाता है। मितली, ठंड, गर्मी या तपन महसूस होती है
मलेरिया के लक्षण दिखाई देने पर क्या करें
बुखार या मलेरिया के लक्षण दिखाई देने पर खून की जांच अवश्य करवाए। एलाएजा टेस्ट अनिवार्य रूप से कराए। मलेरिया की जांच एवं उपचार सभी ग्राम आरोग्य केंद्र में, आशा कार्यकर्ता एएनएम, एमपीडब्ल्यू सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र एवं अस्पताल में पूर्णता नि:शुल्क किया जाता है।
कैसे की जाती है मलेरिया की जांच
बुखार या मलेरिया के लक्षण दिखाई देने पर खून की जांच रैपिड किट या माइक्रोस्पोकिंग जांच के द्वारा मलेरिया की पुष्टि होने पर कार्यकर्ता द्वारा बताई गई दवाइयां का पूर्ण सेवन करें।
मलेरिया के बचाव के उपाय
मलेरिया से बचाव के लिए सर्व प्रथम सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें। सप्ताह में एक बार कूलर का पानी, पानी की टंकी, गमले, फूलदान, डब्बा, मटके, कंटेनर आदि में जमा पानी को खाली कर दे। घर के आसपास पानी जमा न होने दे। पानी से भरे गड्ढे में मिट्टी भर दें। पानी के सभी बर्तन टंकी इत्यादि को पूरी तरह ढक कर रखें। तेज बुखार उल्टी और बदन में दर्द होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। खिडक़ी एवं दरवाजा पर जाली लगाये। हल्के रंग के कपड़े पहनें एवं हाथ पैरों को पूरा ढके।