पावनसिटी समाचार पत्र इंदौर

 मध्य प्रदेश के महानगर इंदौर के वाहक जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत पिछली बार पायलट प्रोजेक्ट के तहत ड्रोन का उपयोग किया गया था, वहीं इस बार स्पेशल स्क्वॉड के माध्यम से बीमारियों पर लगाम कसने की तैयारी है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. माधव प्रसाद हासानी ने बताया कि जिला मलेरिया कार्यालय इंदौर को इस वर्ष राज्य शासन से 24 वर्कर्स का एडिशनल स्क्वॉड प्राप्त हुआ है। यह स्क्वॉड जिले भर में न सिर्फ बुखार के रोगियों की जांच और निगरानी करेगा बल्कि मच्छरों के लार्वा को खोज कर नष्ट भी करेगा। यही नहीं इस स्पेशल टीम द्वारा लोगों को जागरूक भी किया जाएगा ताकि वे अपने आस पास मच्छरों को पनपने से रोक सकें और डेंगू, मलेरिया, चिकुनगुनिया जैसी घातक बीमारियों से बच सकें।

उक्त स्पेशल स्क्वॉड टीम को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. माधव प्रसाद हासानी द्वारा हरी झंड़ी दिखाते हुए रवाना किया गया। डॉ. हासानी ने बताया इंदौर जिले में पहली बार यह एंटी डेंगू/मलेरिया स्क्वॉड की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इससे मानव संसाधन की कमी से जूझ रहे मलेरिया विभाग को 24 अंशकालिक कार्यकर्ता मिले हैं। ये अस्थाई कर्मी अधिकतम छह महीने के लिए आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से रखे गए हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. रश्मि शर्मा दुबे ने बताया कि अब तक जिले में 41 डेंगू और 08 मलेरिया प्रकरण संज्ञान में आए हैं। सभी मरीज इलाज करवा कर पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुके हैं। अब स्क्वॉड द्वारा लार्वा सर्वे और विनष्टीकरण की प्रक्रिया तेजी से संचालित की जाएगी। इस टीम में 06 महिला और शेष पुरुष सदस्य हैं।
इस अवसर पर जिला विस्तार एवं माध्यम अधिकारी डॉ. मनीषा पण्डित, एंबेड गोदरेज से  अवधेश सिंह, जिला मलेरिया कार्यालय से  एम के शर्मा, समस्त अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

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