Now even a person sitting abroad is protesting against the countryNarmadapuram News

Narmadapuram News : 1 जुलाई 2024 से देश में लागू तीन नवीन कानून के अंतर्गत प्रावधान किया गया है कि विदेश में बैठा कोई व्यक्ति यदि भारत राष्ट्र के विरुध अपराध करता है या देश में अपराध करके विदेश में चला जाता है तो उस व्यक्ति के विरुध भी दंड का प्रावधान अधिरोपित किया गया है। उस व्यक्ति को प्रत्यारोपित कर दंडित किया जाएगा। देश में उसके खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया जाएगा। उसे नवीन कानून के अनुसार दंडित किया जाएगा। भारतीय न्याय संहिता की धारा 48 में यह प्रावधान है की विदेश में बैठकर कोई व्यक्ति देश के विरुध अपराध करता है तो इस धारा के तहत उसे पर कार्रवाई की जाएगी। उक्त जानकारी जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने जनप्रतिनिधियों को अवगत कराने के लिए आयोजित हुई तीन नवीन कानून की कार्यशाला में दी।

जिला अभियोजन अधिकारी ने 1 जुलाई 2024 से देश में प्रभावशील हुए तीन नए कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023 के संबंध में जनप्रतिनिधियों को जानकारी दी।

नेमा ने बताया कि अब पहली बार कानून में प्रावधान किया गया है। धारा 4 लागू की गई है, जिसमें छह प्रकार के ऐसे दंड है जिनमे सामुदायिक सेवा का प्रावधान किया गया है। यदि व्यक्ति छ प्रकार के अपराध करता है तो उसे दंड देने की बजाय सामुदायिक सेवा का अवसर दिया जाता है।

नेमा ने भारतीय न्याय संहिता 2023 में जोड़ी गई नवीन परिभाषाओं से जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि जेंडर में पहली बार महिला एवं पुरुष के अलावा थर्ड जेंडर उभयलिंग अर्थात ट्रांसजेंडर को शामिल किया गया है। नेमा ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता 2023 में सम्मिलित नवीन अपराध के अंतर्गत यदी किशोरी के विरुद्ध कोई लैंगिक अपराध होता है और किशोरी इसकी शिकायत करती है, तो संबंधित व्यक्ति के विरुध अपराध कायम होगा और उसे सजा भी दी जाएगी। पहली बार कानून में गैंगरैप जैसा अपराध करने पर मृत्यु दंड का प्रावधान किया गया है। साथ ही गैंग रेप में सहयोग करने वाले भी मृत्युदंड के भागी होंगे।

नेमा ने बताया कि तीन कानून के अनुसार यदि अपराधी अपराध करने के लिए किसी बच्चे का सहयोग लेता है या किसी बच्चे को भाड़े पर लेता है तो संबंधित अपराधी को दंड से दंडित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि माव लिंचिंग पर भी नया कानून बनाया गया है, यदि कोई पांच व्यक्ति या समूह माव लिचिंग करता है तो मृत्यु दंड का प्रावधान किया गया है। माव लिंचिंग चाहे तात्कालिक रूप से हो या पूर्ण नियोजित दोनों में ही मृत्यु दंड का प्रावधान किया गया है। धारा 106 (दो ) के अंतर्गत यदि वाहन दुर्घटना होती है और उसमें किसी की मृत्यु हो जाती है या व्यक्ति घायल होता है तो वाहन चालक को थाने में सूचना देनी होगी की वाहन दुर्घटना हो गई है, एक्सीडेंट हो गया है। सामने वाला घायल है या उसकी मृत्यु हो गई है। लेकिन इस कानून का देश भर में वाहन चालकों द्वारा विरोध करने पर इस कानून को फिलहाल रोक दिया गया है।

नेमा ने संगठित अपराध के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि यदि कोई संगठित अपराध करता है इसमें भी मृत्यु दंड का प्रावधान किया गया है। नेमा ने जनप्रतिनिधियों को जानकारी दी की आत्महत्या पहले अपराध था, लेकिन अब सामान्य आत्महत्या अपराध नहीं है। अपराध का प्रावधान हटा दिया गया है। लेकिन किसी कार्य को करने के लिए दबाव बनाने के लिए, ब्लैकमेल करने के लिए आत्महत्या का प्रयास किया जाता है तो धारा 226 के तहत यह अपराध है।

उन्होंने बताया कि अब इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस को भी मान्यता दी गई है। भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 में महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं इसमें 24 धाराओं में बदलाव किया गया है। दो नई उपधारा जोड़ी गई है, तथा 6 धाराओं को हटाया गया है। अब धारा 2 (1) ई में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को भी मान्य किया गया है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के कोई भी कथन को शामिल किया गया है इसमें गवाह हो, अभियुक्त विशेषज्ञों और पीडि़तों के द्वारा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्रस्तुत किए गए साक्ष्य को वैधता प्रदान की गई है। इस धारा के द्वारा दस्तावेज साक्षी के रूप में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल अभिलेख को सम्मिलित किया गया है। जिससे इन अभिलेखों की साक्ष्य प्रस्तुति और ग्राहकता सुलभ होगी।

भारतीय न्याय संहिता के खंड 43 (3) के तहत किसी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार करते समय या न्यायालय के समक्ष पेश करते समय हथकड़ी लगाने का प्रावधान है जो पहले भी भाग चुका है या हिंसक है।

नेमा ने बताया कि देश में नवीन संहिता की आवश्यकता इसलिए पड़ी की पुरानी दंड संहिता का औपनिवेशिक चरित्र था, साथ ही देश में विधि व्यवस्था मजबूत करने की आवश्यकता थी। साथ ही पुराने कानून की जटिलता को दूर करना भी शामिल था। भारतीय नया संहिता में धाराओं की कुल संख्या 358 है, कुल 20 अध्याय हैं, साथ ही धाराओं की संख्या 511 है।