Narmadapuram News : कलेक्टर कार्यालय स्थित सभा कक्ष में भारतीय न्याय संहिता बी.एन.एस एवं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बी.एन.एस एस के संबंध में जिला अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा द्वारा देशभर में 1 जुलाई से लागू हुए नवीन भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम के संबंध में अधिकारियों को आवश्यक जानकारी दी गई।
नेमा द्वारा जानकारी दी गई कि इन तीनों कानून का उद्देश्य विभिन्न अपराधों और उनकी सजा को परिभाषित कर देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलना है। उन्होंने कहा कि ये नवीन कानून दंड नहीं बल्कि न्याय केंद्रित हैं। पुरानी दंड संहिता का औपनिवेशिक चरित्र, विधि व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए, समकालीन आवश्यकताओं के लिए, पुरानी दंड संहिता के जटिल होने के कारण, जुर्माना व्यावहारिक ना होने के कारण नवीन भारतीय न्याय संहिता एवं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता को लागू करने की आवश्यकता हुई है।
जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा बताया गया कि भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराओं एवं 20 अध्याय का प्रावधान है जिसमें से पांचवें अध्याय में महिला और बालक के विरुद्ध अपराधों से संबंधित है। उन्होंने समस्त अधिकारियों को इस अध्याय की विभिन्न धाराओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। नेमा ने बताया कि अदालतों में पेश और स्वीकार्य साक्ष्य में इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकॉर्ड, ईमेल, सर्वरलॉग, कंप्यूटर, स्मार्टफोन, लैपटॉप, एसएमएस, वेबसाइट, स्थानीय मेल, उपकरणों के मैजेस को शामिल किया गया है। केस डायरी, एफआईआर, आरोप पत्र और फैसले सहित सभी रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकॉर्ड का कानूनी प्रभाव, वैधता और प्रवर्तनीयता कागजी रिकॉर्ड के समान ही होगी। अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये भी न्यायालयों में पेशी हो सकेगी।
जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा लोक स्थल पर लोक सेवकों के साथ घटित होने वाले अपराधों के बारे में भी विस्तृत रूप से सभी जिला अधिकारियों को अवगत कराया। उन्होंने पूर्व में आईपीसी की धाराओं तथा नवीन बीएनएस की धाराओं के मध्य अंतर बताकर सरल शब्दों में लोक सेवकों को उनके अधिकारों के बारे में बताया।नेमा द्वारा अधिकारियों की शंकाओं का समाधान भी इस प्रशिक्षण कार्यशाला में किया गया।
भारतीय न्याय संहिता 2023 में जोड़ी गई नवीन परिभाषाओं के संबंध में भी जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया। उन्होंने भारतीय न्याय संहिता 2023 में कतिपय नवीन अपराधों को सम्मिलित किया गया है जो पूर्व में भारतीय दंड संहिता 1860 में सम्मिलित नहीं थे इसकी भी जानकारी विस्तृत रूप अधिकारियों को प्रदान की।