Take as per your interest after passing the board examNarmadapuram news

Narmadapuram news :  ग्राम गोंची तरोंदा में एकीकृत हाई स्कूल के अंतर्गत ग्राम गोंची तरोंदा, पीपलढाना, झीरपानी, नजरपुर कई गाँवो के आदिवासी बच्चें पढऩे आते हैं। गांव के बच्चों में शहरी बच्चों की तुलना में अपने भविष्य को लेकर जागरूक नहीं रहते हैं इसी लिए गोंची तरोंदा हाई स्कूल के प्राचार्य डॉ अभ्यंकर द्वारा बच्चों के घर जाकर उन्हें मार्ग दर्शन दे रहे हैं।
क्या उद्देश्य हैं विषय कॉउंसलिंग का

सामान्यत: बच्चें बोर्ड परीक्षा के बाद जो मन मे आया वो विषय ले लेते हैं और बाद में उससे कोई खास बेनिफिट नही मिलता हैं।

क्यो आवश्यक हैं विषय काउन्सलिंग

डॉ अभ्यंकर का कहना हैं की हेलीकॉप्टर चलाने वाले की दक्षता रखने वाले बच्चें को यदि बैलगाड़ी सिखाएंगे तो वह सही से सफल नहीं होगा। डॉ अभ्यंकर का कहना हैं बच्चों के घर जाकर उन्हें उनकी रुचि के अनुसार विषय चयन, आई. टी.आई., पॉलीटेक्निक, नर्सिंग, लॉयर, आदि के लिए कौन सा विषय और क्या बनने में रुचि हैं उसे क्या करना चाहिए इसी उद्देश्य को देखते हुए उन्हें घर घर जाकर मार्ग दर्शन दिया जा रहा हैं।

डॉक्टर, इंजीनियरिंग ही क्यों इसके अलावा भी कई संकाय हैं जैसे फिशरीज, एक्वा कल्चर, डीएनए इंजीनियरिंग, स्पेनिश स्नातक, एथनो मेडिसिन, हॉर्टिकल्चर, लिम्नोलोजी, होटल मैनेजमेंट, ह्यूमन पैथोलॉजी आदि ।

कई नये फील्ड हैं जिसमें बच्चों ने अच्छा किया तो जॉब निश्चित हैं

डॉ अभ्यंकर का कहना हैं पारम्परिक अध्ययन में प्रतिस्पर्धा बहुत ज्यादा है इसलिए नए क्षेत्र में जाने से प्रतिस्पर्धा भी कम है और अवसर भी बहुत है।

सही समय पर सही मार्गदर्शन अत्यंत आवश्यक

डॉ अभ्यंकर कहते है की बच्चें की स्किल देखकर सही समय पर मार्गदर्शन दिया जाय तो छात्र छात्राएं निश्चित ही सफल होते हैं।
जनजाति कार्य विभाग के सहायक आयुक्त संजय दुवेदी ने डॉ अभ्यंकर की इस पहल की सराहना की यह बताया यदि कोई बच्चा बहुत गरीब हैं और मेहनती हैं तो उसे विभाग से मदद करने के लिए उच्च अधिकारियों से चर्चा की जायेगी एवं उच्च शिक्षा हेतु जनजाति कार्य योजना का लाभ दिया जाएगा।