हमारे देश में दिन प्रति दिन बड़ती महंगाई आम लोगों की कमर तोड़ रही हैं। आज कल महंगाई का ये हाल हो गया है। बाजार में एक हजार रूपए लेकर चले जाओं तो पता ही नहीं चलता हैं। रोजमर्रा की चीजें लेने में ही पैसे खतम हो जाते है। जिससे कई जरूरत का समान फिर भी छुट ही जाता हैं।
हमारे देश में महंगाई इतनी तेजी से बड़ रही हैं। रोजमर्रा की चीजे ही गरीबों की पहुंच से दूर होती जा रही हैं। जहां हमारे देश के नेताओं के आलिशान महल बनते जा रहे हैं वही गरीब दो वक्त की रोटी के लिए आसूं वहां रहे है। आज रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़ी चीजों पर महंगाई की ऐसी मार पड़ी है। गरीब दाने-दाने के लिए मोहताज हो गया है। बेचारे मजदूर वर्ग के लोग दिन रात महेन्त करते हैं। तब जाकर हजार पांच सौ रूपए ही कमा पाते है। लेकिन बाजार में दाल, चावल, आटा, तेल, सब्जी, प्याज, आलू, लहसुन, खरीदने में ही सारे पैसे खतम हो जाते है।
ऐसे हाल में अगर बीमार हो जाओं तो दवा-गोली इतनी महंगी हो गई है। वे मौत ही मर जाओं। अब सरकार का कोई नुमाइंदा कहेंगा वे मौत क्यों मारों? सरकारी हॉस्पिटल है न अपके लिए। ये आपकी बात है सर ऐसी जगह आपको देखकर सब सलाम करते है। और सब कुछ ठीक होने की बात कहते हैं। जिन गरीबों यहां जाना पड़ता उनसे पुछों उनकी कितनी सुनवाई है यहां ईलाज के लिए आज कल पर टालते-टालते ही गरीब मौत की नींद सौ जाते है।
अब कहां-कहां मंहगाई से बचेगा आम इंसान कहीं तो जाकर मौत के मुंह में समाएगा ही। दाल, आटा, तेल, सब्जी, प्याज आदि जैसी चीजें महंगी हो गई हैं। इसके बिना खाएगा क्या?
पहले के लोग एक कहावत कहते थे- दाल-रोटी खाओ, प्रभु के गुण गाओ। लेकिन महंगाई ने दाल-रोटी को भी नहीं छोड़ा है। दाल रोटी गरीबों की थाली से अब छिनती जा रही है।
इस एक साल में दाल 20 फीसदी महंगी हो गई है। आटे की भी कीमत बढ़ गई है। आने वाले समय में महंगाई की और मार पड़ सकती है। महंगाई के कारण आम जानता का जीना मुश्किल हो गया हैं। महंगाई की मार ने इनकी कमर तोड़ कर रख दी है। एक के बाद एक चीजें महंगी होती जा रही हैं। सब्जी, दाल, आटा, प्याज आलू टमाटर सब के किमत बढ़ गई हैं। बारिश शुरू हो चुकी है। ऐसे में गरीबों का काम धन्धा इतना नहीं चलता है। ऐसे वक्त में प्याज, आलू, तेल आटा, दाल, सब्जियों आदि की भी कीमतें बढ़ गई हैं। जो इंसान के बड़ी मुश्किल का सबब बन गई हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक तेल की कीमत पिछले एक साल में करीब 30 फीसदी बढ़ गई है। यानी 100 रुपये प्रति लीटर मिलने वाला तेल अब 130 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है।
उपभोक्ता विभाग के अनुसार पिछले 3 महीने में कुछ जरूरी चीजों की कीमत 10 फीसदी तक बढी़ गई है। यानी हर महीने करीब तीन फीसदी। ऐसे में कह सकते हैं कि जिस चीज की कीमत 3 महीने पहले 100 रुपये थी, वह अब 150 रुपये से ज्यादा किमत में मिल रही है।
इनमें प्याज, टमाटर, आलू, दाल, सरसों का तेल, मूंगफली का तेल, चावल, आटा सब्जियां आदि शामिल हैं। जो लोगों की रोज की जरूरत का समान है। सबसे ज्यादा कीमत प्याज की बढ़ी है। 3 महीने में इसकी कीमत में 51.52 फीसदी का बढ़ी है। मार्च के अंत में इसकी कीमत 33 रुपये प्रति किलो थी जो अब बढक़र 50 रुपये प्रति किलो हो गई है। और सब्जियों कि बात करें तो हर सब्जी 60 से 70 रूपय किलों से कम नहीं मिल रही है। ऐसे में गरीब खाए तो किया खाए।
वहीं दूध, डेयरी प्रोडक्ट में भी दिन प्रतिदिन वृद्धि देखने को मिल रही हैं। यही नहीं साबुन, हेयर ऑइल आदि भी महंगे हुए हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि आने वाले दिनों में जरूरत की कई चीजें और महंगी हो जाएगी। पिछले दो महीने में साबुन, हेयर ऑइल जैसी रोजमर्रा की चीजों के दाम 2 से 17 फीसदी तक बढ़े हैं।
अभी तो कहा जा रहा हैं महंगाई की मार अभी बढ़ेगी। इसका कारण बढ़ती लागत, खराब मौसम और सरकारी हस्तक्षेप बताया जा रहा है। तेल महंगा होने के पीछे घरेलू उत्पादन में कमी और वैश्विक कीमतों में वृद्धि को बताया जा रहा है। वहीं कहा जा रहा है मौसम में हुए भरी बदलाव और सप्लाई चेन की चुनौतियों के कारण प्याज, टमाटर और सब्जीयों की कीमत बढ़ी है। आने वाले दिनों में महंगाई और बढ़ सकती है। इसका कारण है बढ़ती मांग और लागत में बढ़ोतरी। कुछ समय में दूध, डेयरी प्रोडक्ट, सीजनल फल और प्रोसेस्ड फूड की कीमत में बढ़ोतरी हो सकती है। इनमें महंगाई का कारण प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन संबंधी लागत में बढ़ोतरी भी है।
कहा जा सकता हैं आने वाले दिनों में महंगाई आम जनता को और ज्यादा परेशान करने वाली है।
आम जनता पर महंगाई का असर साफ देखने को मिल रहा है। एक के बाद एक चीजें महंगी होती जा रही हैं। लेकिन सरकार की तरफ से इस और बिलकुल ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं। उनके ओर से तो बड़े-बड़े मंचो से यहीं कहा जा रहा है। हमारे देश में पिछले 50 सालों के मुकाबले अब महंगाई कम हुई है। अब सपनों में जिने वालों को कोन समझाएं। हकीकत को लाख परदों में भी छुपा लो हकीकत तो हकीकत ही रहेगी। अब आप लोगों को तो रोज बनी बुनाई थाली परोसी हुई मिलती है, बस आपको हाथ बढ़ा कर खाना होता हैं। आप जैसे लोग गरीबों दर्द क्या समझोंगे।
उस मध्यवर्गीय इंसान से पुछों जो दिन रात अपने परिवार का पेट पालने के लिए महेन्त करता है। अगर घर के एक दो लोग बीमार हो जाए तो दवा-गोली के भाव सरकार ने इतने बढ़ा दिये है। इंसान की सारी कमाई दवा-गोली में चली जाती है।
अब इंसान आप की तरह इतना पत्थर दिल नहीं हैं। अपने किसी अपने को अपनी आंखों के सामने मौत के मुह में जाते हुए देखता रहें। इसलिए अपनी जिन्दगी पल-पल महेन्त कर के पैसे कमाने में ही लगा देता है। हो सकता उसकी इस महेन्त वो अपने अपनों की जान बचा पाएं।
Syed Shabana Ali
Harda (M.P.)