Women of self-help groups should be financially independent, provide full supportHarda News

Harda News : कलेक्टर आदित्य सिंह ने कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्वसहायता समूहों में शामिल महिलाओं को आवश्यक प्रशिक्षण तथा व्यवसाय के लिये पूंजी उपलब्ध कराकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास करें। उन्होने कहा कि महिलाओं को स्वरोजगार संबंधी प्रशिक्षण दिलाने के लिये आर.से.टी. प्रशिक्षण केन्द्र का भरपूर उपयोग करें। प्रशिक्षण के बाद जब महिलाएं अपना व्यवसाय प्रारम्भ कर दें, उसके कुछ माह बाद उन्हें पुन: प्रशिक्षण केन्द्र में बुलाकर दोबारा से भी प्रशिक्षण दें।

कलेक्टर सिंह ने बैठक में सभी विकासखण्ड स्तरीय परियोजना प्रबन्धकों को निर्देश दिये कि जिन समूहों के अभी बैंक खाते नहीं खुले है, उन सभी समूहों के बैंक खाते खुलवायें। उन्होने कहा कि हृदय अभियान के तहत चयनित 50 गांवों की महिलाओं के स्वसहायता समूह भी गठित करायें ताकि इन ग्रामों की महिलाएं भी आत्मनिर्भर हो सकें। उन्होने जिला प्रबन्धक रामनिवास कालेश्वर को निर्देश दिये कि समूह की महिलाओं को सरल भाषा में प्रशिक्षण दिया जाए।

जिला प्रबन्धक कालेश्वर ने बैठक में बताया कि ग्रामीण आजीविका मिशन का सामुदायिक प्रशिक्षण केन्द्र ग्राम बागरूल में कार्यरत है, जहां महिलाओं को स्वरोजगार संबंधी प्रशिक्षण नियमित रूप से दिया जाता है। उन्होने बताया कि जिले में कुल 3984 महिला स्वसहायता समूह है, जिसमें हरदा विकास खण्ड में 1327, खिरकिया में 1356 और टिमरनी में 1301 समूह शामिल है। इनमें से 1772 समूहों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये 20 हजार रूपये प्रति समूह के मान से चक्रीय पूंजी उपलब्ध कराई जा चुकी है।

इसके अलावा कुल 1912 समूहों को सामुदायिक निवेष निधि के रूप में 8 करोड़ रूपये की मदद की गई है। जिला प्रबन्धक कालेश्वर ने बैठक में बताया कि जिले के 139 समूह जल कर की वसूली का कार्य कर रहे है, जिससे उन्हें नियमित आय हो रही है। इसके अलावा 4 समूह अगरबत्ती निर्माण कर नियमित आय प्राप्त कर रहे है। एक समूह गौशाला का संचालन कर रहा है, 13 समूह बांस उत्पादन कार्य में संलग्न है, 35 महिलाएं आर्टिफिशियल ज्वेलरी निर्माण तथा 30

महिलाएं राखी निर्माण कार्य में संलग्न है। इसके अलावा कुछ स्वसहायता समूह घरों व कार्यालयों की साफ-सफाई में उपयोग में आने वाली सामग्री का निर्माण भी कर रहे है। कलेक्टर सिंह ने स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित इस सामग्री को शासकीय कार्यालयों में सप्लाई कराने की व्यवस्था कराएं ताकि इन समूहों की महिलाओं की आय बढ़ सके। उन्होने आजीविका मिशन के जिला प्रबन्धक को निर्देश दिये कि स्वसहायता समूहों की महिलाओं द्वारा निर्मित सामग्री के विक्रय के लिये अलग से बाजार तैयार करायें।