Harda news: एक माह में ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में पेयजल उपलब्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। कहीं से पेयजल संकट की शिकायत आने का इंतजार न करें बल्कि एक्टिव होकर खुद समस्या ढूंढें और उसका तुरंत समाधान करें। कलेक्टर आदित्य सिंह ने कलेक्ट्रेट में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के साथ आयोजित नगरीय एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक में दिये निर्देश।
बैठक में हरदा, खिरकिया व टिमरनी के एसडीएम भी वर्चुअली शामिल हुए। उन्होने कहा कि तीनों एसडीएम अपने-अपने क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की सतत समीक्षा करें तथा भ्रमण के दौरान भी देखें कि कहीं पेयजल संकट तो नहीं है, यदि पेयजल संकट है तो तत्काल उसका उस समस्या का समाधान करायें।
उन्होने कहा कि जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अपने क्षेत्र की पंचायतों में तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी अपने नगरीय निकायों में पेयजल उपलब्धता की लगातार जानकारी लें और अपने स्तर से पेयजल उपलब्धता के लिये स्वप्रेरणा से प्रयास करते रहें ताकि नागरिकों को परेशानी न हो।
कलेक्टर सिंह ने बैठक में कहा कि पिछले वर्षों में जिन ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में पेयजल समस्याएं आती रहीं है, उन्हें चिन्हित कर वहां विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होने मुख्य नगर पालिका अधिकारियों से कहा कि जिन अवैध कालोनियों में नल कनेक्शन नहीं है, वहां टेंकर्स के माध्यम से पर्याप्त पेयजल उपलब्ध करायें। इसके साथ ही अस्पताल, कॉलेज, बस स्टेण्ड, आंगनवाड़ी, स्कूल जैसे सार्वजनिक स्थलों पर लगे हेण्डपम्प व अन्य पेयजल स्रोतों को समय-समय पर रिपेयर कराते रहें।
कलेक्टर सिंह ने सभी नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों और तीनों विकासखण्डों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे पानी की टंकियों की नियमित रूप से सफाई भी करायें ताकि दूषित पेयजल से होने वाली बीमारियों को रोका जा सके।
कलेक्टर सिंह ने बैठक में निर्देश दिये कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में पशुओं के लिये भी पानी की टंकियों की व्यवस्था करें और उनमें नियमित रूप से पानी भरवाएं, इस कार्य में सामाजिक संस्थाओं की भी मदद ली जा सकती है। उन्होने निर्देश दिये कि हेण्डपम्प व अन्य पेयजल स्रोतों के आसपास गंदगी न हो, यह सुनिश्चित किया जाए क्योंकि पेयजल स्रोतों के पास गंदगी से तरह तरह की बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है।