कुछ इस तरह से चल दिये थे हम तुझे पुकार के,
मायूस थे हम मायूस थी जिन्दगी,
न मिलेगें अब कभी जिन्दगी में साये बहार के,
वो पल था आखरी जब हम तुम्हें
आंखों में समा लेना चाहते थे,
थम रही थी जिन्दगी कुछ इस तरह से तुम्हें निहार के,
यहां आकर खुशियों ने हमसे रूक जाने का वदा किया था,
कह दिया हमने दिल से गुजर गया वो दिन,
आखरी था वो पल जो तू जी लिया मुस्कुरा के,
अब न ये दिल कोई अरमान सजा पाएगया,
क्योंकि चल दिये हम ये जिन्दगी तुझ पे हार के,