The word mother is that feelingMother's Day Special

मदर्स डे स्पेशल

माँ कुदरत का दिया हुआ एक अनमोल तोफा हैं। जो दुनिया की सारी तकलीफ सहकर भी अपने बच्चों को हर खुशी देती हैं। माँ शब्द ही ऐसा है जिसमें दुनिया का सारा प्यारा और सुकून समाया होता हैं। दुनिया में अगर कोई सबसे खूबसूरत रिश्ता है तों वो माँ का रिश्ता है। क्योंकि एक बच्चे के लिए माँ जो कुछ करती वो दुनिया में कोई दूसरा नहीं कर सकता है।

एक बच्चें के लिए दुनिया में सारे रिश्तो का अंगाज माँ की गोद से ही होता हैं। माँ जैसे अपने बच्चें की परवरिश करती हैं बच्चा वैसे ही संस्कार पाता हैं। माँ की ममता के प्यार के साए में चलते-चलते जब बच्चा बड़ा होता है तो कई रिश्ते उससे जुड़ते जाते हैं। लेकिन माँ से जो महोब्बत और प्यार उसे मिलता है। उसकी हद तक कोई नहीं पहुंच पाता हैं। क्योंकि माँ वो होती हैं जो अपनी जिन्दगी की कितनी रातें इस अहसास के साथ आंखों-आंखों में काट देती हैं। मेरा बच्चा पुरसुकून नींद सोया है के नहीं।

माँ की ममता और प्यार हर इंसान के लिए ऐसा होता जो वो अपनी आखरी सांस तक नहीं भुल सकता है। क्योकि मां अपने बच्चे पर अपनी सारी जिन्दगी न्यौछावर कर देती है। फिर भी कभी अपने लबों पर उफ तक नहीं लाती हैं।

माँ प्यार और महोब्बत का वो नाम हैं। जब बच्चा तकलीफ में होता हैं तो वो कितना ही बड़ा हो गया हो उसको सबसे पहले अपनी माँ का प्यार ही याद आता हैं। क्योंकि तकलीफ के वक्त एक यहीं ऐसी सै थी जिसने हर कोशिश उसको सिफा पहुंचाने की थी।

माँ ने ही तो तकलीफ के वक्त इस तरह से अपने बच्चे को दर्द बाट लिया था। तकलीफ के वक्त बच्चे के सर पर उसका हाथ ही काफी था। उसके दिल से निकली दुआ सीधे अर्स से टाकराती थी। बच्चें को दर्द से राहत का अहसास हो जाता था।

दुनिया में ऐसे लाखों उदाहरण मिल जाएगें जहां एक माँ ने अपने बच्चे की खुशियों के लिए कड़ी धुप में महेन्त कर रहीं हैं। माँ वो है जो कड़ी धुप हो बारिश हो या कितनी ही सर्दी हो कभी नहीं थकती हैं। क्योंकि इस वक्त उसका यहीं मकसद होता हैं उसे अपने बच्चें के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम करना हैं। उसके बच्चें के लिए वो सारी खुशिया खरीदना हैं। जो वो चाहता हैं। माँ अपने बच्चों के हर सपनों को पुरा करती हैं। चाहे वो इसके लिए खुद कई रात को न सौई हो।

माँ प्यार और वफा का वो नाम है जो अपनी बच्चों की बड़ी से बड़ी गलती को माफ कर देती है। हजारों सितम सह कर भी सिर्फ अपने बच्चों की खुशी ही चाहती हैं।

माँ तो अपने सारे फर्ज दिल से निभाती हैं। लेकिन क्या हर बच्चा उसके प्रति अपने फर्ज को समझ पाता हैं। माँ तो वो है जो अपने बच्चों की खुशियों के लिए कई राते जागती हैं लेकिन आज ये हाल हैं वहीं बच्चा अपनी माँ के दिल को सुकून पहुंचाने के लिए अपनी जिन्दगी का एक लम्हा भी उसके पास चेन से नहीं बैठता हैं। कहने को तो हमने दुनिया में बहुत तरक्की कर ली हैं। लेकिन यहां आकर हमारा वजूद सिमटता जा रहा हैं।

आज ये वक्त हैं जब बच्चों के लिए म शब्द से मुबाईल हो गया हैं। इंसान मुबाईल को अपनी जिन्दगी के दस घन्टे दे देता हैं। लेकिन माँ के लिए उसके पास दस मिनिट भी नहीं होता हैं। अब भी वक्त हैं हमें अपनी संस्कार की इस जोत जला कर रखने की कोशिश करना चाहिए। और वक्त रहते सभल जाना चाहिए क्योंकि जिस दिन माँ का दामन हाथों से छुट जाएगा सिवा पछतावे कुछ हाथ नहीं आएगा।

Syed Shabana Ali

Harda (M.P.)