कलेक्टर सिंह ने कहा कि पहले चरण में लगभग 50 गांव होगे शामिल
Harda news : जिला प्रशासन द्वारा महिलाओं एवं 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों के शिक्षा, पोषण व स्वास्थ्य सहित सम्पूर्ण विकास के लिये इस माह से विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है। इस अभियान के तहत बच्चों की शिक्षा व स्वास्थ्य तथा महिलाओं के स्वास्थ्य व स्वरोजगार सहित उनका सर्वांगीण विकास करने का प्रत्यन किया जाएगा। शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए भी प्रयास किए जाएगें।
कलेक्टर आदित्य सिंह ने जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में अभियान की तैयारियों के संबंध में विस्तार से चर्चा की।
कलेक्टर सिंह ने कहा कि सभी विभाग इस नये अभियान के लिये निष्ठापूर्वक कार्य की शुरूआत करें। बैठक में शिक्षा, महिला बाल विकास व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अपनी-अपनी कार्य योजना का प्रजेन्टेशन प्रस्तुत किया। शिक्षा, स्वास्थ्य व महिला बाल विकास विभाग 50 गांवों में कार्य योजना अनुसार कार्य शुरू करें
कलेक्टर सिंह ने कहा कि पहले चरण में लगभग 50 गांव शामिल कर वहां की महिलाओं व बच्चों के लिये शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार सहित सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। अगले चरणों में गांव के स्थान पर पूरी पंचायत को शामिल किया जाएगा और धीरे-धीरे पूरे जिले में इस कार्यक्रम का प्रसार किया जाएगा। इस कार्य में जिला प्रशासन शासकीय संसाधनों के साथ-साथ अशासकीय समाज सेवी संगठनों का सहयोग भी लेगा। उन्होने बताया कि चिन्हित किये गये गांवों में इस माह के प्रारम्भ में विस्तृत सर्वे शुरू किया जाएगा।
महिलाओं व बच्चों के संबंध में विस्तृत सर्वे कर उनकी समस्याएं चिन्हित की जाएंगी
कलेक्टर सिंह ने आदेश दिये कि सर्वे के माध्यम से महिलाओं व बच्चों के कुपोषण, टीकाकरण, पोषण आहार वितरण, शिक्षा की उपलब्धता, प्रसव पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था, महिलाओं को स्वरोजगार की आवश्यकता की जानकारी एकत्रित की जाएगी। उन्होने कहा कि प्रारंभिक चरण के लिये चिन्हित किये गये 50 गांवों में गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण, संस्थागत प्रसव की व्यवस्था, कुपोषित महिलाओं का चिन्हांकन व उनके कुपोषण दूर करने के लिये उपाय किये जायें। उन्होने निर्देश दिये कि गर्भावस्था की शुरूआत में ही महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर हाई रिस्क महिलाओं को चिन्हित कर उनके उपचार व टीकाकरण की विशेष व्यवस्था की जाए तथा शासकीय अस्पताल में ही उनके प्रसव की व्यवस्था की जाए। कलेक्टर सिंह ने निर्देश दिये कि दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाली हाई रिस्क वाली महिलाओं को प्रसव की प्रस्तावित तिथि से एक सप्ताह पूर्व ही निकटतम हॉस्पिटल में भर्ती किया जाए।
बच्चों का टीकाकरण, शिक्षा व पोषण पर रखें विशेष ध्यान
कलेक्टर सिंह ने कहा कि जन्म के तत्काल बाद से बच्चों का टीकाकरण, पोषण पुर्नवास केन्द्र के माध्यम से उनके कुपोषण का उपचार, आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों को पोष्टिक आहार उपलब्ध कराने तथा पूर्व प्राथमिक शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। आंगनवाड़ी में दर्ज 5 वर्ष से अधिक आयु के सभी बच्चों का स्कूलों में प्रवेश दिलाने की व्यवस्था की जाएगी तथा कोई भी बच्चा स्कूल न छोड़े, इसके लिये विशेष मॉनिटरिंग की जाएगी। कलेक्टर सिंह ने बैठक में निर्देश दिये कि ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं व बच्चों में कुपोषण दूर करने के उद्देश्य से सुरजना के पौधे लगाने तथा मुनगे के पत्तों का पावडर व टेबलेट तैयार करने की व्यवस्था भी जिले में की जाएगी।