Harda news : हमारे देश में महिलाओं को देवी का रूप माना जाता हैं। बेटीओं को देवी के रूप में पूजा जाता हैं। वहीं महिलाओं और बेटियों के सम्मान के बड़े-बड़े कासिदे पढ़े और सुने सुनाएं जाते हैं। लेकिन जब उसी महिला और बेटी के असली सम्मान की बात की जाएं तो लोग बगले झांकने लगते हैं। ऐसा व्यवहार करते हैं। जैसे उन्हें कुछ पता ही न हो।
ऐसा ही कुछ नजारा हरदा के सरकारी अस्पताल में आएं दिन देखने को मिल जाता हैं। बेचारी गरीब लाचार महिलाएं और बेटियां जब सरकारी अस्पताल में सोनोग्राफी की रिपोर्ट निकालवाने जाती हैं। तो उन्हें अपमान भरें व्यवहार का सामना करना पढ़ता हैं। क्योंकि हरदा के सरकारी अस्पताल में सोनोग्राफी के लिए अलग से कोई रूम नहीं हैं। जैसे प्राइवेट हॉस्पिटल में होता है।
हरदा जिले ने तरक्की के कई आयामों को छु लिया हैं। लेकिन यहां आकर सारी ऊंचाईयों की ये उड़ान ओधे मुंह गिरी नजर आती हैं। हरदा जिले के सरकारी अस्पताल में ये हाल हैं। कि सोनोग्राफी रूम में एक परदा तक नहीं डला हैं। रूम में जहां सोनोग्राफी होती हैं। वहां पर मेन गेट पर परदा डला हैं। उस परदे को डालकर सोनोग्राफी की जाती है। कई महिलाओं ने हमें बताया कई पुरूष कर्मचारी बार-बार परदा खोलकर अंदर आ जाते हैं। जाते वक्त परदा खुला छोड़ जाते हैं। जिससे उन्हें अपमान का सामना करना पड़ता हैं।
कभी सोनोग्राफी के वक्त गेट लगाकर सोनोग्राफी की जाती हैं। गेट भी ऐसा हैं जब चाहे कोई भी अस्पताल का पुरूष कर्मचारी किसी भी बहाने से गेट खोलकर अंदर आ जाता हैं। और जहां सोनोग्राफी होती वहां वो साफ देख सकता है। मेन बात तो ये हैं। जहां सोनोग्राफी होती हैं। वहां परदा डाला जाना चाहिए। ताकि महिलाओं के सम्मान की हिफाजत हो सकें।
ऐसा नहीं बस महिलाएं ही जिला हॉस्पिटल में सोनोग्राफी के लिए आती हैं। लड़कियां को भी मजबूरी में ऐसे ही व्यवहार का सामना करना पड़ता हैं। जो एक लडक़ी और महिलाओं के लिए अपमान जनक ही नहीं होता है। आगे चलकर ये डिप्रेशन की वजह भी बन जाता हैं।
कई बार तो देखा गया हैं मिडिया कर्मी भी सोनोग्राफी सेन्टर में आ जाते हैं। और महिलाओं की सोनोग्राफी की फोटो खिचकर ले जाते हैं। और अखबारों और सोशल मिडिया पर पब्लिश कर देते है। उनके लिए तो ये आम बात होती हैं। लेकिन उस महिला के लिए ये पुरे समाज में अपमान की बात हो जाती हैं। जिस समाज में वो इतने सम्मान के साथ रहती हैं। उसके घर में उसकी इतनी इज्जत की जाती। वहीं उसके साथ ऐसा अपमान भरा व्यवहार करना आम बात हो गई हैं।
जहां मध्यप्रदेश सरकार हर जगह बहन बेटियों की सम्मान की बात कर रहीं हैं। उस राज्य के एक सम्पन्न जिले की अस्पताल में महिलाओं और बेटियों के साथ ऐसा व्यवहार जिला प्रशासन के लिए भी अपमान की बात हैं। इसलिए जिले प्रशासन को इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत हैं।
जिले प्रशासन के द्वारा हरदा जिले के सरकारी अस्पताल में सोनोग्राफी के लिए अलग से एक रूप ऐसा बनाया जाना चाहिए। जहां महिलाएं और बेटियां पुरे सम्मान के साथ सोनोग्राफी की रिपोर्ट निकलवा सकें ।
जैसे घर की महिलाओं और बेटियों के सम्मान की रक्षा का दायित्व घर के पुरूषों के हाथों में होता हैं। वैसे ही जिले की बहन बेटियों की सम्मान की रक्षा का अधिकार जिला प्रशासन का हैं। इस लिए जिला प्रशासन से हमारी गुजारिश है। वो जल्द से जल्द इस समस्या पर ध्यान देकर उसे दूर करने के भरपूर प्रयास करें। ताकि बहन बेटियां कह सकें । हमारें सम्मान का रक्षक हैं हमारा जिला प्रशासन।