Harda News : हमारे देश में महिलाओं और बच्चों में कुपोषण का स्तर बड़ता जा रहा है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफ़एचएस) 5 के मुताबिक, भारत में 15 से 49 साल की उम्र की 57 प्रतिशत महिलाएं खून की कमी यानी एनीमिया से पीडि़त हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में यह सामने आया है कि देश में 6 महीने से लेकर 5 साल तक के बच्चों में एनिमिया की शिकायत देखने को मिली वहीं 15 से 50 साल तक की लडिक़यों और महिलाओं की आधी से ज्यादा आबादी खून की कमी से पीडि़त है। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में बच्चों तथा महिलाओं में एनीमिया की शिकायत काफी अधिक दर्ज की गई है। जिससे महिलाओं और बच्चों में होने वाली एनीमिया और कुपोषण की बीमारी को दुर किया जा सकें।
इसलिए वर्तमान सरकार द्वारा देश में महिलाओं और बच्चों में हो रही एनिमिया और कुपोषण को दूर करने के उद्देश्य से फोर्टिफाईड चावल का वितरण नि:शुल्क किया जा रहा है। ताकि महिलाओं और बच्चों को इसके सेवन से पोष्टीक आहार उपलब्ध कराया जा सकें।
जिला आपूर्ति अधिकारी बासुदेव भदोरिया ने जिले की सभी शासकीय उचित मूल्य दुकान से राशन प्राप्त हितग्राहियों को सूचित किया है कि वर्तमान में शासन द्वारा आयरन, विटामिन बी-12 एवं फॉलिक एसिड युक्त फोर्टिफाईड चावल का वितरण किया जा रहा है, जिसके सेवन से खून की कमी दूर होती है। उन्होने बताया कि फोर्टिफाईड चावल जनवरी 2023 से प्रदेश के सभी जिलों में वितरित किया जा रहा है। चावल को फोर्टिफाईड करने के लिए सामान्य चावल में आयरन, विटामिन बी-12, और फोल्लिक एसिड से युक्त फोर्टिफाईड चावल के दाने 1 प्रतिशत की मात्रा में मतलब 100 कि.ग्रा सामान्य चावल में 1 कि.ग्रा. फोर्टिफाईड चावल के दाने मिलाए जाते है। फोर्टिफाईड चावल के दाने सांमान्य चावल की तरह दिखते है। उन्होने उपभोक्ताओं को सलाह दी है कि भ्रामक जानकारियों से बचें, फोर्टिफाईड चावल के दाने पकाते या धोते समय अलग से दिखे तो इन चावलों को अलग न करें और इनका सामान्य चावल की तरह सेवन करें। ध्यान रखें, यह प्लास्टिक चावल नहीं है बल्कि पोषण युक्त चावल है।