malnourished children and pregnant womenHarda News

Harda News : कलेक्टर  आदित्य सिंह ने मंगलवार को जिला पंचायत के सभाकक्ष स्वास्थ्य, महिला बाल विकास एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर हृदय अभियान की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होने निर्देश दिये कि जनपद पंचायतों के सीईओ सुनिश्चित करें कि बच्चों और गर्भवती महिलाओं की समग्र आईडी और आधार पंजीयन का कार्य शतप्रतिशत पूर्ण किया जाए।

उन्होने विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिये कि हाई रिस्क वाली सभी गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर उनके संस्थागत प्रसव की व्यवस्था की जाए। यदि महिला दूरस्थ नेटवर्कविहीन क्षेत्र में रहती है तो उसे एक सप्ताह पूर्व निकटतम शासकीय अस्पताल में प्रसव के लिये भेज दिया जाए। बैठक में जिला पंचायत की सीईओ श्रीमती सविता झानिया भी उपस्थित थी। कलेक्टर सिंह ने बैठक में जिला पंचायत सीईओ को निर्देश दिये कि समग्र आईडी व आधार पंजीयन से छूट गये ग्रामीणों के लिये गांव-गांव में विशेष शिविर आयोजित किये जायें ताकि इन ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं का लाभ लेने में समस्या न आये।

कलेक्टर  सिंह ने बैठक में कहा कि पिछले दिनों हृदय अभियान के तहत चयनित 59 दूरस्थ ग्रामों का सर्वे किया गया था, जिसमें से चिन्हित की गई 441 गर्भवती महिलाओं में से 128 हाई रिस्क गर्भवती महिलाएं पाई गई। इस सर्वे के दौरान 93 बच्चे ऐसे चिन्हित हुए जो कि टीकाकरण से छूट गये थे।

उन्होने निर्देश दिये कि इन सभी गर्भवती महिलाओं का समय पर टीकाकरण और संस्थागत प्रसव की व्यवस्था की जाए तथा टीकाकरण से छूट गये बच्चों का शतप्रतिशत टीकाकरण किया जाए। कलेक्टर सिंह ने बैठक में निर्देश दिये कि आगामी 1 जनवरी से जिले के सभी ग्रामों में कुपोषित बच्चों व गर्भवती महिलाओं को चिन्हित करने के लिये विस्तृत सर्वे किया जाए ताकि इन महिलाओं व बच्चों का समुचित उपचार, टीकाकरण आदि की व्यवस्था की जा सके। उन्होने निर्देश दिये कि जिले में 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर कुपोषित व एनिमिया प्रभावित महिलाएं चिन्हित की जाएं और उनके हिमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने के लिये उपचार किया जाए।

कलेक्टर  सिंह ने बैठक में निर्देश दिये कि हृदय अभियान के तहत चयनित ग्रामों के सर्वे के दौरान जो कुपोषित बच्चे चिन्हित हुए है, उन्हें निकटतम पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराकर उनका पोषण स्तर सुधारा जाए। महिला बाल विकास अधिकारी ने बैठक में बताया कि इन चिन्हित कुपोषित बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्रों में मोरिंगा पावडर और मिल्क पावडर उपलब्ध कराया जा रहा है और इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे है।

कलेक्टर सिंह ने पशु चिकित्सा विभाग, महिला बाल विकास विभाग और ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों को निर्देश दिये कि इन कुपोषित बच्चों को प्रतिदिन दूध प्रदाय करने के लिये कार्य योजना बनायें ताकि बच्चों का कुपोषण दूर हो सके। जिला परियोजना समन्वयक बलवन्त पटेल ने बैठक में बताया कि हृदय अभियान के चयनित ग्रामों में सर्वे के दौरान जो शाला त्यागी बच्चे चिन्हित हुए है, उनमें से 562 बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिला दिया गया है। बैठक में कलेक्टर  सिंह ने दंत शक्ति अभियान की भी समीक्षा की।