Harda News : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शाजापुर जिले के कालापीपल में आयोजित कार्यक्रम में लाड़ली बहना योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन एवं सिलेंडर रीफिलिंग के लिए हितग्राहियों के खाते में राशि का अंतरण की। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लाड़ली बहना योजना के तहत प्रदेश की 1.27 करोड़ लाड़ली बहनों को 1553 करोड़ रूपये की राशि अंतरित की।
इसी कार्यक्रम में उन्होने सामाजिक सुरक्षा पेंशन के हितग्राहियों के खाते में 335 करोड़ रूपये की राशि भी अंतरित की। इस अवसर पर हरदा में जिला स्तरीय कार्यक्रम नगर पालिका कार्यालय परिसर में आयोजित किया गया। इस दौरान शाजापुर के कालापीपल में आयोजित कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी देखा गया।
इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती भारती राजू कमेड़िया ने सभी लाड़ली बहनों को मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने रेवा शक्ति अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज बेटियां किसी भी स्थिति में कम नहीं है वो भी लड़कों की तरह हर फील्ड में आगे है। इस अवसर पर जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती सविता झानिया ने कहा कि लड़का लड़की में कोई अंतर नहीं है, सभी एक समान है। उन्होने सभी से रेवा शक्ति अभियान में सहयोग करने की अपील की। कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय त्रिपाठी ने रेवा शक्ति अभियान के बारे में जानकारी दी एवं उसके लाभ भी बताए।
हरदा जिले की 94194 लाड़ली बहनें हुई लाभान्वित
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग त्रिपाठी ने बताया कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के तहत सिंगल क्लिक के माध्यम से जिले की 94194 लाड़ली बहनों के खाते में आज 11.47 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की गई है। इनमें जनपद पंचायत हरदा की 23931, जनपद पंचायत खिरकिया की 23123, जनपद पंचायत टिमरनी की 26139, नगर पालिका परिषद हरदा की 11736, नगर परिषद खिरकिया की 3569, नगर परिषद सिराली की 2317 तथा नगर परिषद टिमरनी की 3379 बहनें शामिल हैं। कार्यक्रम के अंत में लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत प्रमाण पत्र भी वितरित किए।
लाड़ली बहनों ने उड़ाई पतंग, कठपुतली और नुक्कड़ नाटक का हुआ आयोजन
कार्यक्रम में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत जागरूकता के लिए कठपुतली एवं नुक्कड़ नाटक कार्यक्रम भी आयोजित हुआ। इस अवसर पर सभी लाड़ली बहनों ने नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती भारती राजू कमेड़िया के साथ पतंग भी उड़ाई। कार्यक्रम में मकर संक्रांति पर्व पर महिलाओं को तिल, गुड़ के लड्डू का वितरण भी किया गया।