Harda News : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश का लगातार विकास हो रहा है। इसी क्रम में हरदा जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए नए भवनों का निर्माण भी जारी है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग संजय त्रिपाठी ने बताया कि पिछले एक साल में हरदा जिले में 16 नए आंगनबाड़ी भवन तैयार किया जा चुके हैं। इसके साथ ही ग्राम झाड़पा, मुरलीखेड़ा और झाझरी में 3 नए आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए नए भवन की स्वीकृति भी प्राप्त हो गई है।
उन्होंने बताया कि पिछले 1 साल में जो 16 नए आंगनबाड़ी भवन पूर्ण हुए हैं उनमें हरदा ग्रामीण परियोजना के 5 भवन ग्राम मगरधा, पलासनेर, भादू गांव, धनगांव, अजनास रैयत खिरकिया परियोजना में 4 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन ग्राम पहटकला, आंगनबाड़ी, जूना पानी भंवर्दी और कुकड़ा पानी तथा टिमरनी परियोजना के 7 आंगनवाड़ी भवन ग्राम सोडलपुर, पान तलाई, तजपुरा, जलोदा, कचनार, केली और टेमरू बहार ग्रामों में तैयार हुए हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों में ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा खेल-खेल में दी जाती है।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किये गये उल्लेखनीय कार्य
कलेक्टर आदित्य सिंह द्वारा हरदा जिले में नवाचार के रूप में हृदय अभियान प्रारंभ किया गया है। इस अभियान केतहत 59 दूरस्थ ग्रामों को चिन्हित कर शामिल किया गया है। इन गांवों के कुपोषित बच्चों को कुपोषण मुक्त करने के उद्देश्य से मोरिंगा पाउडर और मिल्क पाउडर आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके बेहतर सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
कलेक्टर आदित्य सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन के इस नवाचार से कुपोषित बच्चों की ग्रेड में काफी सुधार देखने को मिला है। उन्होंने बताया कि हरदा जिले के 225 में से 169 बच्चों की ग्रेड में सुधार हुआ है। कलेक्टर सिंह ने बताया कि इस नवाचार को आगे बढ़ाते हुए अब आंगनबाड़ी केंद्रों में कुपोषित बच्चों को 1 दिसम्बर से आगामी तीन माह तक 250 मिली लीटर दूध प्रतिदिन प्रति बच्चे के मान से उपलब्ध कराया जाने लगा है। ग्रामीण आजीविका मिशन के समूहों द्वारा गांव के दूध उत्पादक किसानों से दूध लेकर इन कुपोषित बच्चों को देना शुरू कर दिया गया है, जिसके अच्छे परिणाम सामने आयेंगे।