कुछ पल जिन्दगी में ऐसे बित गए,
तेरे इन्तजार में हम रोते रहे,
मजबूरी में थाम के दिल को,
खामोशी में ये गम सहते रहे,
कुछ नहीं था अपना,
जिन्दगी में खोने के लिए,
ये खुद सुनते रहे कहते रहे,
लफजों से तो दिल कह नहीं पाया,
कितना था गमों ने दिल को सताया,
दर्दे दिल में कभी हस्ते रहे कभी रोते रहे,
हमने जख्मों से दिल लगाया था,
तन्हाईयों ने हमें ये अहसास दिलाया था,
लेकिन दर्दे दिल में यादों के शोले जलते रहे,
हम मिटते रहे मुस्कुराते रहे,
है मुश्किल गमों की आंधियों से बचाना,
बिखर न जाए जिन्दगी का आशियाना,
खुद मिटते रहे और तिनका-तिनका आशियने बचाते रहे,