अच्छा हुआ भुला दिया तुने मेरे प्यार को,
मैंने तो सारा घर बांट दिया संसार को,
तेरा प्यार न जाने किस के पास जाता,
न जाने किस-किस के दर की ठोकरे ये खाता,
एक बात हम तुम को बता दें,
भुल गये तुम न भुले हम तेरे वादे,
कैसे हम तुझको सजा दें,
या तेरी खुशनसीबी पर तुझको दुआ दें,
एक गरीब का प्यार ही सही था,
सोना, चाँदी उसके पास कुछ भी नहीं था,
बस एक यहीं हमारी खता थी,
वफा थी पास हमारे अमीरी नहीं थी,
चाँद की चाँदनी बस तुझे मैं दें पाता,
तोड़ के सितारे न मैं तेरे लिए ला पाता,
शम्मा बस एक घर मैं जलाता,
उजालों की दुनियां नहीं मैं दें पाता,
एक फूल गुलाब का तेरे बालों में सजाता,
गुलशन के सारे फूल नहीं मैं खरीद पाता,
साथ मेरा मैं जिन्दगी भर निभाता,
दौलत के लालच में न मैं तुझे भुलाता,
प्यार तुझसे हद से ज्यादा किया था,
शायद तुझको पाने के लिए ही इस दुनियां में जन्म लिया था,
नहीं अब इस दुनियां में मेरा नाम निशा रह पाएगा,
तेरी डोली के आगे जनाजा मेरा जाएगा,