पावनसिटी हरदा – मध्य प्रदेश के हरदा जिले में बाल मृत्यु के प्रकरणों में कमी लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा दस्तक अभियान प्रारम्भ किया गया। अभियान के तहत जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों में 5 वर्ष तक के बच्चों की स्क्रीनिंग कर समुचित उपचार किया जा रहा है तथ उन्हें विटामिन ‘ए’ की दवा भी पिलाई जा रही है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एच.पी. सिंह ने बुधवार को ग्राम छीपानेर व गोंदागांव कला पहुँचकर दस्तक अभियान के तहत किये जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होने उपस्थित एएनएम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व आशा कार्यकर्ता को निर्देशित किया कि कोई भी बच्चा स्वास्थ्य लाभ लेने से वंचित न रहें। स्वास्थ्य जांच के दौरान यदि कोई बच्चा गंभीर स्थिति में पाया जाता है तो उसे तत्काल जिला चिकित्सालय में इलाज के लिये रैफर करें। डॉ. सिंह ने अभियान के तहत गृह भेंट के दौरान बच्चों को ओआरएस एवं जिंक की गोल का वितरण भी किया। निरीक्षण के दौरान एमएनडीईओ श्री मनीष शकरगाये भी मौजूद थे।
विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत 7 अगस्त तक होंगी नियमित गतिविधियां
हर वर्ष एक से 7 अगस्त तक स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया जाता है। विश्व स्तनपान सप्ताह के आयोजन का मूल उद्देश्य स्तनपान को बढ़ावा देना है, जिससे कि शिशुओं को सही पोषण मिल सके और उनका स्वास्थ्य एवं बौद्धिक क्षमता बेहतर हो सके। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एच.पी. सिंह ने बताया कि इस वर्ष विश्व स्तनपान सप्ताह की थीम ‘‘इन्वेस्ट इन ब्रेस्ट फिडिंग इन्वेस्ट इन फ्यूचर’’ है। इस दौरान एक से 7 अगस्त के बीच जिला, विकासखण्ड एवं ग्राम स्तर पर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। उन्होने बताया कि 1 अगस्त शुक्रवार को सभी शासकीय अस्पतालों में स्तनपान सप्ताह का शुभारंभ किया जाएगा। अस्पतालों में आयोजित कार्यक्रम में एएनसी व ओपीडी में आने वाली गर्भवती व धात्री महिलाओं तथा वार्ड में भर्ती प्रसूताओं व बच्चों की माताओं को स्तनपान संबंधी समझाईश दी जाएगी।
सीएमएचओ डॉ. सिंह ने बताया कि इस वर्ष दस्तक अभियान में विश्व स्तनपान सप्ताह को एक प्रमुख थी आधारित गतिविधि के रूप में शामिल किया गया है। विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत जिले के सभी शासकीय प्रसव केन्द्रों में पदस्थ मेडिकल एवं पैरामेडिकल स्टॉफ, प्रसूताओं को नवजात शिशु को जन्म के तुरन्त बाद स्तनपान कराने के लिये प्रेरित करेंगे। इस दौरान उन्हें यह समझाया जाएगा कि बच्चे को जन्म से 6 माह तक केवल स्तनपान ही कराया जाए, अन्य कोई ऊपरी आहार न दिया जाए। उन्होने बताया कि स्तनपान सप्ताह के दौरान टीकाकरण सत्रों का आयोजन कर स्तनपान संबंधी जनजागरूकता गतिविधियां सुनिश्चित की जायेगी। इस दौरान गभर्वती एवं धात्री माताओं को संतुलित पौष्टिक आहार लेने एवं एनीमिया की रोकथाम हेतु आयरन फोलिक एसीड की गोलियों के सेवन की सलाह दी जाएगी। इस दौरान ऐसे बच्चे जो स्तनपान करने में असमर्थ हो या ऐसी प्रसूता माता जिन्हें स्तनपान कराने में कठिनाई हो, उन्हें निकटस्थ स्वास्थ्य केन्द्र अथवा एन.आर.सी. में त्वरित निदान हेतु रेफर किया