धरती की खूबसूरती कुदरत की तरफ से हमें एक वरदान के रूप में मिली है। जो एक ऐसा अनमोल तोफा है जो हमें कुदरत की तरफ से बेहिसाब मिला है। और हर इंसान इसका अपनी जिन्दगी में फायदा भी उठा रहा है। लेकिन आज का इंसान बहुत ही मतलबी हो गया है हमारी धरती जहां हमें स्वर्ग सा सुन्दर वातावरण प्रदान करती है…
वही आज का इंसान अपनी जरा सी लालच को पुरा करने के लिए अपनी उसी धरती को धीरे-धीरे जहर देखकर उसके अस्तित्व को खतम करने की कोशिश कर रहा है। और उसको इस बात का अहसास भी नहीं है वो क्या कर रहा है आगे चलकर उसके खुद के अस्तित्व पर इसका कितना बुरा प्रभाव होने वाला है। ये बात आज सामने भी आ रही है जिस तरह से आज इंसान जानलेवा बीमारियों के चपेट आ रहा है। ये सब इसी लापरवाही का नतीजा है।
हमारे देश एक कृषि प्रदान देश है। जहां की खेती की गुणवत्ता की दुनिया भर में चर्चा है। आज किसानों के लिए खेती लाभ का धंधा बन गई है। नई-नई तकनीकों के उपयोग से किसान खेती में दिन दुगना लाभ कमा रहे है। लेकिन नई-नई तकनीकों के इजात के साथ ही आज किसानों के लिए भी खेती सिर्फ लाभ कमाने का साधन हो गई है।
पहले के किसान खेती करते थे तो अपनी भूमि को अपनी मां के सामान समझते थे और उसका ख्याल भी रखते थे लेकिन आज किसानों के लिए सिर्फ पैसा ही सब कुछ हो गया है। ज्यादा मुनाफा कमाने की लालच में आज किसान अपनी फसलों में इतनी ज्यादा रासायनिक खादों का इस्तेमाल कर रहे है।
जिससे खेती हर भूमि को तो नुकसान हो रहा है। और उसकी उर्वरा शक्ति कम हो रही है। रासायनिक खादों का अत्यधिक उपयोग हमारे और पर्यावरण के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है। इन खादों से भूजल भी प्रदूषित हो रहा है, ये मिट्टी में हानिकारक अवशेष छोड़ता है और मिट्टी की उपज इससे कम होती है।
किसान चाहे तो जैविक खाद का उपयोग करके भी अपनी फसल की पैदावार बड़ा सकते है। जैविक खाद, पौधों को ज्यादा पोषक तत्व प्राप्त करने में सहायता करता है। और फसल की पैदावार भी अच्छी होती है। लेकिन रासायनिक खाद खेतीहर भूमि के ही नहीं इसका ज्यादा मात्रा में उपयोग इंसान के स्वास्थ के लिए भी हानिकरक होता है। इसके ज्यादा उपयोग से आगे चल खेतीहर भूमि को नुकसान पहुंचाता है।
फसलों में रासायनिक खादों के ज्यादा उपयोग से इंसान और पशु पक्षी की सेहत को भी काफी नुकसान हो रहा है। आज किसानों की ये सोच हो गई है बड़े किसान अपने परिवार के लिए एक-दो एकड़ भूमि में अलग से बिना खाद की फसल लगा लेते है। और वाकि फसल में बेहिसाब रासायनिक खाद का उपयोग करते है।
अंनाज से लेकर सब्जियों, फल, ड्राई फूड तक में बेहिसाब केमिकल होता है। जिससे फसल की पैदावार अच्छी होती है और किसानों को काफी लाभ मिलता है। लेकिन ये केमिकल युक्त चीजों को खाने से इंसान की सेहत को जो नुकसान हो रहा है वो लोगों की सोच से भी ज्यादा है। जहां फलों तथा ड्राय फूड में उपयोग किये जाने वाले पेस्टिसाइड के ज्यादा उपयोग से केंसर जैसी गंभीर बीमारी होती है। इसका जीता जगता उदाहरण हमारे देश में पंजाब में देखने को मिलता है।
जहां इस केमिकल के असर से लोगों में इस गंभीर बीमारी का खतरा आम हो गया है। ये तो एक उदाहरण मात्र है हकीकत तो इससे ज्यादा डराने वाली है। लेकिन फिर भी आज का इंसान ठोकर खाकर भी सभलने की कोशिश नहीं कर रहा है। और अपने अस्तित्व खुद खतरे में डालने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
आज का इंसान इन केमिकल युक्त चीजों को खाने के लिए मजबूर हो गया है। और इसका असर दिन प्रतिदिन इंसान की सेहत पर खतरनाक और जानलेवा बीमारी के रूप में सामने आ रहा है। एक हिसाब से आज का इंसान अपनी जिन्दगी में धीरे-धीरे मौत के करीब जा रहा है। और उसको इस बात का अहसास भी नहीं हो रहा है। जो चीजें वो पौष्टिक आहार समझकर खा रहा है एक हिसाब से वो शरीर के लिए जहर का काम कर रहा है। ये सब किसानों की नासमझी की वजह से हो रहा है।
वो ज्यादा मुनाफा कमाने की लालच में इंसानी जिन्दगियों के साथ खिलवाड़ कर रहे है। और कुछ किसान ऐसे भी है जो जानकारी के अभाव में खेतों में अधिक मात्रा में डीएपी खाद का प्रयोग कर रहे हैं, जिससे खेतों में आगे चलकर उत्पादन कम होने की संभावना है साथ ही ये पार्यावरण और हमारी धरती के लिए भी जहर का काम कर रहा है। और इंसानी सेहत के लिए भी ये जानलेवा सिद्ध हो रहा है। अब किसान ये सोचे वो अपने परिवार के लिए तो केमिकल रहित अनाज उगा रहा है।
लेकिन उसकी सोच से परे कई अन्य चीजों में उसके परिवार तक भी ये केमिकल किसी न किसी रूप में पहुंच रहा है। आज किसान खेतों की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए रासायनिक खादों का आवश्यकता से अधिक प्रयोग कर रहे हैं। डीएपी में पाए जाने वाले तत्व अधिक मात्रा में प्रयोग होने से स्वास्थ के लिए भी हानिकारक हो सिद्ध हो रहे है।
कभी हमें अपनी धरती के अस्तित्व को बचाना है और अपने पार्यावरण को भी सुरक्षित रखने के साथ अपनी जिन्दगी की भी हिफाजत करना है तो अपने देश में हो रही खेती को कुदरत की हर नेयमत के लिए सुरक्षित बनाना होगा और फसलों में कम मात्रा में रासायनिक खादों का उपयोग करना होगा।
ऐसे केमिकल जो इंसान और हमारे पार्यावरण के लिए नुकसान दायक उसके उपयोग से खुद को महफूज रखना होगा। क्योंकि आज हम अपनी धरती मां को मिठा जहर देकर उसके अस्तित्व को खतरे में डाल रहे है। और जिस तरह से प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहें वो आगे चलकर हमारे अस्तित्व के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अगर प्रकृति जिस दिन नराज हो गई तो फिर इंसान को भागे भी रास्ता नहीं मिलेगा।