भारत देश के नागरिक होने के नाते देश के हर नागरिक को हमारे देश के संविधान पर गर्व है। हमारे देश का संविधान अपने देश के प्रत्येक नागरिक को देश में सम्मान के साथ जीने का अधिकार प्रदान करता है। संविधान हमारे देश के प्रत्येक नागरिक को उसकी जिम्मेदारी और अधिकारों को बताता है।
भारत देश का नागरिक होने के नाते उन्हें किस तरह से जिन्दगी में विकास की राह पर आगे बढऩा है। किस तरह अपने देश के विकास में सहयोग करना है सब निश्चत करता है। हमारा देश एक लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की स्थापना करता है। इसमें सभी नागरिकों को बराबर अधिकार दिए गए हैं।
भारतीय संविधान भारत की विविधता को दर्शाता है। इसमें अलग अलग धर्मों, भाषाओं और संस्कृतियों के लोगों के हितों का ध्यान रखा गया है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। यह न सिर्फ हमारे देश के कानूनों का आधार है, बल्कि हमारे देश की आत्मा भी है।
हमारे देश के संविधान ने अपने देश के प्रत्येक नागरिक को मौलिक अधिकार प्रदान किये है। मौलिक अधिकारों के साथ-साथ प्रत्येक नागरिकों के अपने देश के प्रति जो कर्र्तव्य है, उन्हें भी संविधान में स्पष्ट कर दिया गया है। भारतीय संविधान हमारे देश की सरकार के अधिकारों की सीमा भी तय करता है।
भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों में से एक है। इसकी विविधता और बहुलता के लिए अक्सर इसकी प्रशंसा की जाती है। भारत में जनता अपनी सरकार चुनती हैं और सरकार लोगों की इच्छा के आधार पर चलती है। भारतीय संविधान में नागरिकों के अधिकारों के साथ-साथ भारत सरकार पर भी अपना पूर्ण नियंत्रण रखा गया है।
स्वतंत्रता, समानता, संप्रभुता, बंधुत्व, धर्मनिरपेक्षता, न्याय, सहिष्णुता, सामूहिक जिम्मेदारी और जनता की आवाज का सम्मान हमारे लोकतंत्र की मुख्य विशेषताएं हैं। संविधान हमें हमारे देश के प्रत्येक अंग के अधिकार को परिभाषित करता है बल्कि उनके उत्तरदायित्व भी सुनिश्चित करता है ।
भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है, जिसमें विविधता में एकता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। भारतीय संस्कृतियाँ आज भी अपनी प्राचीनतम परंपराओं को संजोए हुए हैं और उसमें नयापन लाती हैं। स्वतंत्रता के बाद, भारतीय संविधान लागू किया गया और भारतीय लोकतंत्र का मजबूत ढांचा स्थापित किया गया।
भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हुआ था। भारत जैसे बड़े देश की व्यवस्था संविधान से ही चलती है। 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक यानी निर्माता कहा जाता है। संविधान में देश के नागरिकों के न्याय, स्वतंत्रता और समानता की सुरक्षा तय की गई है।
हमारे संविधान को बनने में 2 साल, 11 महीना और 17 दिन का समय लगा। भारतीय संविधान के निर्माण में 10 देशों के संविधान से महत्वपूर्ण तत्व लिए गए हैं। 10 देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, सोवियत रूस, जापान, फ्रांस, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका और जर्मनी शामिल हैं।
संप्रभुता, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक गणराज्य, नागरिकों को न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व की बात संविधान में कही गई है।
हमारे देश का संविधान देश के प्रत्येक नागरिकों को समानता का अधिकार प्रदान करता है। हमारे देश के नागरिकों को संविधान का पूर्ण सम्मान करना चाहिए।