पावनसिटी हरदा -स्वास्थ विभाग टीम ने शनिवार को विकासखंड खिरकिया के उप स्वास्थ्य केन्द्र पटाल्दा के ग्राम पटाल्दा, सांवरी, झिरपी, वासीगढ़, मगरिया, वारानाला, झापनादेह में टीकाकरण एवं ए.एन.सी जांच की। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एच.पी. सिंह एवं जिला एम एण्ड ई अधिकारी श्री मनीष सकरगायें ने ग्रामों का भ्रमण कर टीकाकरण कार्य का जायजा लिया। इस दौरान उन्होने गर्भवती महिलाओं से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली एवं उपस्थित महिलाओं को संस्थागत प्रसव कराने के लिये प्रेरित किया। निरीक्षण के दौरान डॉ. सिंह ने 22 जुलाई से प्र्रारम्भ होने वाले दस्तक अभियान सह स्टॉप डायरिया अभियान की समीक्षा भी की गई।
गेहूँ का अधिकतम स्टॉक 3 हजार मीट्रिक टन रख सकते हैं व्यापारी
भारत सरकार द्वारा व्यापारियों के लिए 31 मार्च, 2026 तक के लिये गेहूँ के स्टॉक की सीमा निर्धारित कर दी गयी है। व्यापारी/थोक विक्रेता 3 हजार मीट्रिक टन तक और रिटेलर 10 मीट्रिक टन तक गेहूँ का भण्डारण कर सकते हैं। इसी तरह चेन रिटेलर के प्रत्येक आउटलेट के लिये 10 मीट्रिक टन की सीमा इस आधार पर निर्धारित की गई है कि सभी आउटलेट पर अधिकतम मात्रा आउटलेटों की कुल संख्या के 10 गुना मीट्रिक टन से अधिक भण्डारित नहीं होना चाहिये। प्रोसेसर के लिये स्टॉक की मात्रा उसकी मासिक स्थापित क्षमता के 70 प्रतिशत मात्रा को वर्ष 2025-26 के शेष महीनों से गुणा करने पर आने वाली मात्रा से अधिक नहीं होना चाहिये।
सड़क दुर्घटना पीड़ितों की नगदी रहित उपचार स्कीम
दुर्घटना तारीख से 7 दिनों में प्रति व्यक्ति 1 लाख 50 हजार रूपये के उपचार की व्यवस्था
सड़क सुरक्षा एवं दुर्घटनाओं को रोकने के लिये सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर निर्देश जारी किए जाते रहे हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी सम्पूर्ण देश में नियमित मॉनीटरिंग कर रही है। समय-समय पर यह कमेटी विभिन्न राज्यों से रिपोर्ट प्राप्त कर सड़क सुरक्षा संबंधी विभिन्न योजनाओं एवं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से जारी गाइड-लाइन्स की समीक्षा कर सर्वाेच्च न्यायालय में प्रतिवेदन प्रस्तुत करती है।
परिवहन सचिव ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिये नगदी रहित उपचार योजना के क्रियान्वयन के लिये कलेक्टर्स को निर्देश भी जारी किये हैं। निर्देशों में बताया गया है कि यह स्कीम और गाइड-लाइन्स मई-2025 और जून-2025 में जारी हुई हैं। इसी के साथ मंत्रालय द्वारा 21 मई, 2025 को यूजर मैनेजमेंट पोर्टल भी जारी किया गया है। निर्देशों में बताया गया है कि सड़क दुर्घटना प्रकरणों में जहाँ दोषी मोटरयान के पास वैध तृतीय पक्ष बीमा कव्हरेज था, उसका भुगतान केन्द्र सरकार द्वारा साधारण बीमा कम्पनियों के सहयोग से बनाये गये फण्ड से स्टेट हेल्थ एजेंसी (एसएचए) द्वारा अस्पताल के दावे को मंजूरी दिये जाने के 10 दिनों की समयावधि में जिला कलेक्टर्स के अनुमोदन से जिला स्तर पर ही केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित फण्ड से किया जायेगा। योजना में अस्पताल से दुर्घटना तारीख से अधिकतम 7 दिनों की अवधि में प्रति व्यक्ति के लिये एक लाख 50 हजार रूपये तक के उपचार की व्यवस्था है। दुर्घटना में पीड़ित व्यक्ति उसका परिवार दुर्घटना का विवरण हेल्पलाइन नम्बर 112 में खबर दे सकता है।
नियमित समीक्षा
परिवहन सचिव द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि योजना के क्रियान्वयन के लिये किसी अधीनस्थ अधिकारी को जिम्मेदारी देते हुए इसकी नियमित मॉनीटरिंग जिला स्तर पर की जाये। समस्त संभागायुक्तों को भी निर्देश दिये गये हैं कि महत्वपूर्ण योजना की आवश्यक गतिविधियों की नियमित मॉनीटरिंग की जाये। कलेक्टर को योजना से संबंधित विस्तृत दिशा-निर्देश भी परिवहन विभाग द्वारा भेजे गये हैं