राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहर थाना क्षेत्र के पिपलोदी में विद्यालय भवन की छत गिरी, जब छत गिरी उसे समय लगभग 60 से अधिक बच्चे स्कूल में मौजूद थे जेसीबी की मदद से मालवे को हटाया जा रहा है स्कूल में दबे बच्चों को निकाला जा रहा है घायल बच्चों को शासकीय अस्पताल में रेफर किया जा रहा है मृत बालकों की संख्या बढ़ सकती है जिला शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ स्कूल के प्रचाय स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाओं को स्कूल की छत क्षतिग्रस्त थी तो उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी को अवगत कराना था सिर्फ हादसा नहीं, सिस्टम की नाकामी है।
स्कूल पढ़ाई का मंदिर होता है, कब्रगाह नहीं!
उन सभी बच्चों को घायल बच्चों को जल्द से जल्द से उपचार की जरूरत है
घायलों को जल्द ठीक करें और उनके परिवारों को हिम्मत दे। अब और देर नहीं करनी चाहिए।सभी सरकारी स्कूल भवनों की तुरंत जांच और मरम्मत होनी चाहिए, ताकि ऐसा जीन माता-पिता के बच्चों की मौत हो गई है उनका रो रो के बुरा हाल है राजस्थान सरकार की लापरवाही का नतीजा इन गांवों के बच्चों को स्कूली बच्चों को मौत की शिक्षा में तब्दील कर दिया है वह शिक्षा प्राप्त करने गए थे मगर मौत ने उन्हें गले लगा लिया उन मासूम बच्चों का दोष क्या था जिन लापरवाही हुई है उन पर कोई कार्रवाई की जाएगी?