पावनसिटी समाचार पत्र इटारसी जिला नर्मदापुरम
जलभराव की समस्या होगी दूर: नपा अध्यक्ष पंकज चौरे ने किया पौने दो करोड़ से बन रहे नाले का निरीक्षण, ठेकेदार को दिए काम में तेजी लाने के निर्देश
न्यास कॉलोनी से चिकमंगलूर चौराहे तक बन रहा नाला, बाजार क्षेत्र को मिलेगी जलजमाव से राहत
नपाध्यक्ष ने भारत टॉकीज रोड और अग्रवाल स्कूल तक के कार्यों का भी जायजा लिया, गुणवत्ता और गति पर दिया ज़ोर
इटारसी- नगर पालिका अध्यक्ष पंकज चौरे इटारसी में जल निकासी की गंभीर समस्या को स्थायी रूप से हल करने के लिए प्रतिबद्ध दिख रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने रविवार दोपहर को न्यास कॉलोनी के शिक्षक नगर से चिकमंगलूर चौराहे तक लगभग 1 करोड़ 85 लाख रुपये की लागत से बन रहे महत्वपूर्ण नाला निर्माण कार्य का औचक निरीक्षण किया।
इस मौके पर निर्माण कार्य के ठेकेदार प्रशांत अग्रवाल भी मौजूद रहे। नपाध्यक्ष चौरे ने मौके पर कार्य की प्रगति का जायजा लिया और ठेकेदार को स्पष्ट निर्देश दिए कि पुलिया निर्माण का कार्य तेजी से पूरा किया जाए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि निर्माण कार्य की गति इतनी होनी चाहिए कि बरसात से पहले अधिकांश कार्य निपटा लिया जाए, ताकि नागरिकों को राहत मिल सके।
भारत टॉकीज रोड पर भी किया मुआयना
न्यायस कॉलोनी क्षेत्र में निरीक्षण के बाद नपाध्यक्ष चौरे भारत टॉकीज रोड पर निरीक्षण करते हुए आगे अग्रवाल स्कूल की ओर बढ़े। उन्होंने भारत टॉकीज से सूर्या होटल तक सड़क और नाले के कार्य का भी बारीकी से मुआयना किया। उन्होंने ठेकेदार से कहा कि वे काम में और तेजी लाएँ ताकि पूरे नाले का निर्माण शीघ्रता से पूर्ण हो सके। उन्होंने गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता न करने की हिदायत भी दी।
बाजार में पानी की निकासी की समस्या होगी ठीक:
नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे इस पूरे नाला निर्माण परियोजना को मुख्य रूप से बाजार क्षेत्र में बरसात में होने वाली जलभराव (पानी के जमाव) की समस्या के स्थायी समाधान के रूप में देख रहे हैं। वर्तमान में, थोड़ी सी भी बारिश होने पर बाजार क्षेत्र की सड़कों पर पानी जमा हो जाता है, जिससे दुकानदारों, व्यापारियों और ग्राहकों को भारी असुविधा होती है।
चौरे ने कहा कि यह नाला निर्माण शहर की एक पुरानी और बड़ी समस्या को खत्म करेगा और व्यापारियों को हर साल होने वाले नुकसान से बचाएगा। यह प्रोजेक्ट पानी की निकासी को सुव्यवस्थित करेगा, जिससे न केवल मुख्य बाजार, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी जलजमाव की स्थिति से मुक्ति मिलेगी और शहर की मूलभूत संरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) में सुधार होगा।

