पवन सिटी समाचार पत्र हरदा

संपादक -अशफाक अली 
हरदा समाचार पत्रों में फसल बीमा के भुगतान के बारे में प्रकाशित समाचार के संबंध में उपसंचालक कृषि जे.एल. कास्दे ने बताया कि फसल बीमा कम्पनी से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत फसल बीमा क्लेम की राशि की गणना विगत सात वर्षो में से श्रेष्ठ पांच वर्षों के औसत और वास्तविक उपज के फसल उत्पादन की गणना आधारित प्रक्रिया हैं।इसके आधार पर उपज में कमी की गणना की जाती है जो कि आर.एस.टी. तकनीकी द्वारा गणितीय फॉर्मूला के आधार पर क्लेम राशि का स्वयंचलित भुगतान किया जाता है। जिसमें किसी भी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।
किसान श्री बृजमोहन विश्नोई द्वारा रबी वर्ष 2023 में कृषक द्वारा 5.54 हैक्टेयर का बीमा करवाने के लिए प्रीमियम राशि 3615 जमा की गई।उक्त वर्ष में किसान के पटवारी हल्के में उपज में कमी नहीं पाए जाने के कारण बीमा क्लेम राशि देय नहीं है। खरीफ वर्ष 2024 में 1.36 हैक्टेयर का बीमा कराने के साथ प्रीमियम राशि 993 रूपए आईसीआई बैंक में जमा कराई गई। प्रीमियम राशि के विरुद्ध संबंधित किसान को 2178 रूपये क्लेम राशि का भुगतान किया गया हैं। रबी वर्ष 2024 में गेहूं फसल के लिये किसान द्वारा 5.54 हैक्टेयर के 3740 रुपए की राशि का प्रिमियम जमा कर बीमा किया गया था। रबी वर्ष 2024 में पटवारी हल्का सोनतलाई में गेहूं की फसल में उपज में कमी के आधार पर कोई भी बीमा दावा राशि देय नहीं है। उन्होने बताया कि किसान  बिश्नोई द्वारा इन वर्षों में केवल कुल -8347 राशि रुपए का प्रिमियम के रूप में भुगतान किया गया है, जबकि उनके द्वारा समाचार में राशि 1.24 लाख रुपए का प्रिमियम जमा किए जाना बताया गया है, जो कि तथ्यहीन है। कृषि उपसंचालक जे.एल. कास्दे बता सकते हैं कि सिराली तहसील में कई किसानों को 10000 से ₹12000 प्रति एकड़ के हिसाब से बीमा की राशि प्राप्त हुई है वही दूसरे किसानों को 12 से ₹16 प्रत्येक एकड़  के हिसाब से किसानों को  राशि प्राप्त हुई है बीमा कंपनी के द्वारा किसानों को ठगा महसूस कर रहे हैं  बस 2024 25 की रवि की फसल का बीमा किसानों को किसी हिसाब से बांट रही है इस चीज का बीमा कंपनी को प्लाजा करना चाहिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना करने से किसानों को कोई फायदा नहीं हुआ ज्यादा से ज्यादा किसान परेशान होते दिख रहे हैं उनकी सुनने वाला कोई भी नहीं है पिछले मंगलवार में जनसुनवाई में आए किसानों ने कलेक्टर से संज्ञान में लाया था कि किसानों को प्रधानमंत्री बीमा योजना में जो बीमा मिलता है वह ₹15 से 20-20 रुपए एकड़ तक मिल रहा है यह कहां तक उचित है इसकी जांच की जाना चाहिए प्रधानमंत्री बीमा में किसके सर्वे के आधार पर बीमा का क्लेम बनाकर क्लेम किसानों को दिया गया इसकी जांच करानी चाहिए क्या तहसीलदार पटवारी की लापरवाही का नतीजा किस भगत रहे यह भी एक सवाल बना हुआ है पटवारी ने किस हिसाब से किसानों की फसल का सर्वे किया प्रधानमंत्री बीमा  सर्वे रिपोर्ट लगाई कभी सर्वे रिपोर्ट लगाई हुई थी तो क्लेम की राशि 12 से 15 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से किसान की लागत का अनुमान  करते भी तो तो भी इस राशि दाल में नमक के बराबर भी नहीं है इस बात का खुलासा होना बहुत जरूरी है जो किसान रात दिन मेहनत करने के बाद किसानों को उसकी अनाज की लागत का पैसा नहीं मिले तो जो लोगों को अनाज   पैदा करके देते हैं उनकी थाली से अनाज ले लिया जा रहा है  कहां तक उचित है

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