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पावनसिटी समाचार पत्र हरदा 

 संपादक अशफाक अली

मध्य प्रदेश के हरदा जिले में रेलवे स्टेशन पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने लिए केंद्र शासन के द्वारा देश भर के रेलवे स्टेशनों पर राष्ट्रीय ध्वज झंडा रेलवे स्टेशन पर फहराया जाता है  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश अनुसार भारत वर्ष के सभी रेलवे स्टेशनों पर झंडा फहराया जाता है भारतीय ध्वज संहिता (फ्लैग कोड) और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 का पालन किया जाता है मगर हरदा जिले के रेलवे स्टेशन पर राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया गया है  आज सुबह जब हम वहां से निकले तो देखा कि जिस 100 मी. खंबे पर राष्ट्रीय ध्वज झंडा नहीं  फहराया  हुआ पाया गया   वहां हमें उसे खंबे पर   झंडा नजर नहीं आया क्या भारत के सभी स्टेशनों पर झंडा फहराने का नियम लागू होता है तो हरदा जिले के रेलवे स्टेशन पर झंडा क्यों नहीं फहराया गया  इस झंडे ना  फहराने के लिए हरदा में अलग नियम लागू हुआ है क्या रेलवे स्टेशन के अधिकारी क्या अपनी मनमानी के अनुसार झंडा फहराया जाएगा  केंद्र शासन की नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं हरदा के रेलवे अधिकारी क्या हरदा जिला प्रशासन इस झंडे ना फहराने की संज्ञान में लेंगे या हरदा रेलवे के कर्मचारी अपनी मनमानी चलते रहेंगे रेलवे अधिकारियों ने झंडा चढ़ाने के लिए कोई कर्मचारियों को नियुक्त किया है रेलवे अधिकारियों को झंडा ना चढ़ाने का भी ध्यान में है या नहीं या वह अपने कर्तव्य से उसे भूल रहा है हरदा के वरिष्ठ अधिकारियों के ऊपर जवाब दे ही बनती है कि रेलवे स्टेशन पर ध्वज फहराया चाहिए और इस पर ध्यान देना चाहिए क्या भोपाल के वरिष्ठ अधिकारी इस लापरवाही में हरदा के अधिकारियों पर कार्रवाई करेंगे या इसे अनदेखा कर अनसुना हो जाइए एक छोटे से स्टेशन पर इस तरह की लापरवाही ही रेलवे कर्मचारियों की प्रणाली पर सवाल उठ रहा है क्या रेलवे में इस तरह के ही अधिकारी का वह कर्मचारी की लापरवाही की जाती है  हरदा कलेक्टर सिद्धांत जैन क्या रेलवे के अधिकारियों से इस संबंध में सवाल जवाब तलब करेंगे या रेलवे के उच्च अधिकारियों को इस लापरवाही के लिए हरदा के कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिलवाएंगे

रेलवे स्टेशन ऑफिस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बड़े स्टेशनों पर 24 घंटे झंडा फहराया जाता है, लेकिन रात में भी उसमें पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था होनी चाहिए। 

ध्वज संहिता और अन्य नियम
24 घंटे फहराए जाने वाले बड़े राष्ट्रीय ध्वजों को सूर्यास्त के बाद पर्याप्त रोशनी से रोशन करना चाहिए, ताकि वह दिखाई दे। यदि झंडा किसी कारण से फट जाए या खराब हो जाए, तो उसे किसी एकांत स्थान पर सम्मान के साथ मिट्टी में दबाकर या अग्नि प्रवेश कराकर नष्ट कर देना चाहिए, जैसे नदी में जल समाधि देकर। राष्ट्रीय ध्वज को कभी भी पर्दों, वस्त्रों, गद्दियों, रूमालों या किसी भी व्यावसायिक उपयोग में नहीं लाया जा सकता है ध्वज का काटना, फाड़ना, जलाना, रौंदना या उस पर कुछ लिखना राष्ट्रीय गौरव का अपमान माना जाता है, जिसके लिए दंड का प्रावधान है। 
रेलवे स्टेशन के लिए विशेष नियम रेलवे बोर्ड ने यात्रियों में राष्ट्रीय भावना जागृत करने के लिए प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर 100 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज लगाने का निर्णय लिया है, जो पहले से 50 करोड़ रुपये या उससे अधिक वार्षिक आय वाले स्टेशनों पर अनिवार्य था। ये झंडे स्टेशनों के सर्कुलेटिंग एरिया में लगाए जाते हैं, और स्टेशन के संचालन में योगदान देने वाले राष्ट्रीय ध्वज को उतारने का कोई नियम नहीं है, लेकिन सूर्यास्त के बाद रोशनी जरूरी है।