Narmadapuram News : अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को नवीन उद्यमों की स्थापना हेतु कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से कार्यालय म.प्र.आदिवासी वित्त एवं विकास निगम नर्मदापुरम को विभाग द्वारा संचालित भगवान बिरसा मुंडा स्वरोजगार योजना/टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के लक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
भगवान बिरसा मुंडा योजना
भगवान बिरसा मुण्डा योजना के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी, प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास निगम भोपाल होगा। योजना का संचालन सहायक आयुक्त/जिला संयोजक/शाखा प्रबंधक मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास निगम एवं महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के माध्यम से कराया जावेगा।
पात्रता
योजनान्तर्गत ऋण प्राप्त करने हेतु शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम 8 वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। योजना का कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण मध्यप्रदेश होगा (अर्थात योजना का लाभ उन्हीं उद्यमों को देय होगा, जो मध्यप्रदेश सीमा के अन्दर स्थापित हों। आवेदक म.प्र.का मूल निवासी हो। आवेदक अनुसूचित जनजाति वर्ग का सदस्य हो। (सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र संलग्न करें)। आवेदनकर्ता की आयु आवेदन दिनांक को 18 से 45 वर्ष के मध्य होना चाहिए। किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक/ वित्तीय संस्था/सहकारी बैंक का चूककर्ता अशोधी Defaulter नहीं होना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति किसी शासकीय उद्यमी/स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत सहायता प्राप्त कर रहा हो, तो इस योजना के अन्तर्गत पात्र नहीं होगा। सिर्फ एक बार ही इस योजना के अन्तर्गत सहायता के लिए पात्रता होगा। योजना का लाभ उद्योग/सेवा व्यवसाय क्षेत्र के लिए ही प्राप्त होगा।
वित्तीय सहायता
उद्योग विनिर्माण इकाई के लिए राशि रु. 1 लाख से रुपये 50 लाख तक की परियोजनाए। सेवा (सर्विस) इकाई एवं खुदरा व्यवसाय (रिटेल ट्रेड) हेतु रु 1 लाख से रु 25 लाख तक की परियोजनाए।
ब्याज अनुदान
उक्त योजनान्तर्गत अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को बैंक द्वारा वितरित/शेष (Outstanding) ऋण (Term Loan & Working Capital Loan) पर प्रतिवर्ष 5% अथवा वास्तविक, (जो भी कम हो) की दर से ब्याज अनुदान अधिकतम 7 वर्षों तक (मोरेटोरियम अवधि सहित), नियमित रूप से ऋण भुगतान (निर्धारित समय एवं राशि की शर्त पर निगम द्वारा दिया जायेगा।
टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना (नवीन योजना) –
टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना अंतर्गत अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को नवीन उद्यमों की स्थापना हेतु कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी, प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास निगम मोपाल होगा सहायक आयुक्त जिला संयोजक शाखा प्रबंधक मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास निगम एवं महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के माध्यम से योजना का संचालन कराया जावेगा।
पात्रता
योजनान्तर्गत ऋण प्राप्त करने हेतु आवेदक को मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य है। योजना का कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण मध्यप्रदेश होगा (अर्थात योजना का लाभ उन्हीं उद्यमों को देय होगा, जो मध्य प्रदेश सीमा के अंदर स्थापित हो)। आवेदक को अनुसूचित जनजाति वर्ग सदस्य होना चाहिए (सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा)। आवेदनकर्ता की आयु आवेदन दिनांक को 18 से 55 वर्ष के मध्य होना चाहिए। किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक/वित्तीय संस्था/सहकारी बैंक का चूककर्ता /अशोधी Default नहीं होना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति किसी शासकीय उद्यमी/स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत सहायता प्राप्त कर रहा हो, तो इस योजना के अन्तर्गत पात्र नहीं होगा। सिर्फ एक बार ही इस योजना के अन्तर्गत सहायता लिए पात्रता होगी। योजना उद्योग/सेवा व्यवसाय क्षेत्र के लिए होगी।
वित्तीय सहायता
सभी प्रकार के स्वरोजगार हेतु रुपये 10 हज़ार से रुपये 1 लाख तक की परियोजनाए।
ब्याज अनुदान
योजनान्तर्गत अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को बैंक द्वारा वितरित/(Outstanding) ऋण (Term Loan & Working Capital Loan) पर 7% प्रतिवर्ष की दर से अनुदान अधिकतम 5 वर्षों तक (मोरेटोरियम अवधि सहित), नियमित रूप से ऋण भुगतान (निर्धारित एवं राशि) की शर्त पर निगम द्वारा दिया जायेगा।
योजनाओं से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए कार्यालय सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग कलेक्ट्रेट परिसर नर्मदापुरम से संपर्क कर जानकारी प्राप्त की जा सकती है।