पावनसिटी खंडवा – मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में श्री दादाजी धूनीवाले चिकित्सालय खंडवा की लेडी बटलर नवजात गहन चिकित्सा इकाई में विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी महिलाओं को डॉ. कृष्णा वास्केल शिशु रोग विशेषज्ञ द्वारा बताया गया कि स्तनपान सप्ताह मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में जन जागरूकता लाना है। इसलिए 1 से 7 अगस्त तक स्तनपान सप्ताह के दौरान अलग -अलग वार्डों में विभिन्न गतिविधियां करके लोगों को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि माँ का दूध बच्चे के लिए अनमोल उपहार है।  इससे बच्चे का मानसिक और शारीरिक विकास अच्छे से होता है। नवजात शिशु को पर्याप्त सुरक्षा, स्नेह तथा पोषण की आवश्यकता होती है। स्तनपान इन सभी आवश्यकताओं को पूरा करता है।

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कृष्णा वास्केल ने बताया कि मां का दूध बच्चे के सम्पूर्ण विकास के लिए पोषण का सबसे अच्छा स्रोत होता है तथा मां के दूध का कोई अन्य विकल्प नहीं है। माँ का पीला व गाढ़ा कोलस्ट्रम वाला दूध नवजात शिशु के लिए एकदम सटीक आहार है। जन्म के तुरंत बाद एक घंटे के भीतर स्तनपान शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि शिशु को 6 महीने की अवस्था के बाद और 2 वर्ष तक स्तनपान कराने के साथ-साथ पौष्टिक पूरक आहार दिया जाना चाहिए।
कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ. अनिरुद्ध कौशल ने बताया कि मां का दूध बच्चे का पहला टीका है। इसलिए बच्चे को जन्म के तुरंत बाद केवल स्तनपान करना चाहिए और 6 महीने तक केवल मां का दूध ही पिलाना चाहिए। बच्चे को घुट्टी ,पानी एवं अन्य किसी भी प्रकार का काढ़ा आदि नहीं देना चाहिए। स्तनपान बच्चे और मां के बीच भावनात्मक बंधन को बढ़ाता है।