Rainy season continues in Madhya Pradesh, people living on the banks of NarmadaKhandwa News

Khandwa News : प्रदेश भर में हो रही लगातार बारिश से नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही हैं। वहीं मध्यप्रदेश के कई डेमों के जलस्तर में भी दिन प्रतिदिन जलस्तर बढ़ रहा हैं। बांधो के जलस्तर बढऩे से मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र एवं गुजरात प्रशासन को अलर्ट रहने को कहा गया है। मौसम विभाग के अनुसार पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश से नदियों और बंधों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। लगातार हो रही बारिश से नर्मदा नदी का जलस्तर बढऩे लगा है।

इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध से पानी छोड़े जाने से जलस्तर में लगातार बढोतरी हो रही है। खंडवा, खरगोन, बड़वान, अलीराजपुर, धार, देवास हरदा जिला प्रशासन को बंाधों के लगातार बढ़ रहें जलस्तर को लेकर अलर्ट भी किया गया है।
संबधित जिला प्रशासन को लगातार बांधो के जलस्तर के बढऩे पर अलर्ट रहने और नदियों के किनारे वासे गांव और निचली बास्तियों का ध्यान रखने को कहा गया है।

नर्मदा घाटी के ऊपरी क्षेत्रों में हो रही बारिश और बांधो से छोड़े जा रहे पानी से इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। इससे नर्मदा का जलस्तर बढ़ रहा है। एक दिन पहले ही बांध के जलस्तर को कम करने के लिए बांध के खुले हुए गेटों की संख्या 18 कर दी गई है। बांध से लगभग 10412 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे नर्मदा नदी उफान पर रहेगी।

ज्ञात हो कि बुधवार को ओंकारेश्वर बांध के नो गेट खोले गए थे। और गुरूवार को इनकी संख्या बढ़ाकर 18 कर दी गई थी। और लोगों से नर्मदा घटों से दूर रहने की अपील की गई है। नर्मदा का जलस्तर बढऩे पर श्रद्धालुओं को नर्मदा में स्नान पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। भविष्य में कोई अनहोनी घटना न हो इसलिए ऐसा किया गया है। नर्मदा चलने वाली नावों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

खंडवा, खरगोन, देवास और हरदा जिला प्रशासन ने नागरिकों को नर्मदा से दूर रहने की अपील की हैं। खंडवा में जलस्तर की वृद्धि और बंधों के गेट खोले जाने की स्थिति में निचली बस्ती और नर्मदा के किनारे रहने वाले लोगों वहां से हटा दिया गया है।

हरदा से लगें नर्मदा किनारे वासे गांव हंडिया के लोगों को भी जिला प्रशासन की तरफ से अलर्ट रहने की अपील की गई है। इंदिरा बांध का जलस्तर बढऩे से गुरूवार को बांध के 12 गेट खोले गए थे। इन 12 गेटों से लगभग 8568 क्यूमेक्स पानी नर्मदा में छोड़ा गया था। और यदि तवा और बारगी बांध में पानी बढ़ता है तो गेटों की संख्या और बढ़ाए जाने की सम्भावना है।