पावनसिटी समाचार पत्र छतरपुर 

मध्य प्रदेश के जिले छतरपुर में इस समय पूरे जिले में गणेश उत्सव  गणेश उत्सव मनाया जा रहा है छतरपुर के लोगों को भी अपने जिले को संभाग बनाने की मांग माननीय मुख्यमंत्री मोहन यादव से कर रहे हैं से छतरपुर जिले को एक सम्मान मिलेगा वहां पर दिल खोलकर लोगों की मुरादें पूरी करते हैं।
यदि आप चाहें तो छतरपुर जिले को एक साथ अनेक सौगातें बांट सकते हैं। हमारे जिले के जनप्रतिनिधि बहुत संकोची स्वभाव के हैं। कम से कम आप ही हमारे जिले को गोद ले लीजिए।
छतरपुर नगर की वर्तमान आबादी तीन लाख से अधिक हो गई है। उस दृष्टि से छतरपुर नगर के संसाधन बहुत कम है। न तो यहां सुविधाजनक सड़कें हैं और न हाट बाजार के लिए निर्धारित स्थान है। पूरे नगर में मात्र तीन चौराहे हैं। जहां से आम जनमानस को निकलने में भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है।
जन आंदोलन की वजह से छतरपुर नगर को मेडिकल कॉलेज की सौगात मिली है। भवन भी दिसंबर तक कंप्लीट हो जाएगा। लेकिन अफसोस है कि मेडिकल कॉलेज में केवल चिकित्सा शिक्षा की व्यवस्था की गई है। जबकि छतरपुर जिले के नागरिकों को ऐसा मेडिकल कॉलेज चाहिए जहां पर आम आदमी का समुचित इलाज भी किया जा सके। छतरपुर जिला अस्पताल पर पांच जिलों का लोड है। जबकि सुविधाएं सीमित है। यदि मेडिकल कॉलेज में इलाज की सुविधा उपलब्ध नहीं की जाएगी तो संभव है कि पुनः जन आंदोलन हो सकता है।
तहसील मुख्यालय नौगांव जहां पर कभी 36 रियासतों का मुख्यालय था वहां पर आर्मी की 1200 एकड़ भूमि है। पहले वहां पर आर्मी कालेज भी रहा है। अतः वहां पर सैनिक स्कूल के लिए रक्षा मंत्रालय से मांग की जा सकती है। इसी प्रकार पिछले तीन साल से जिला मुख्यालय पर आईएसबीटी की फाइल राजनीतिक शून्यता का दंश झेल रही है। जबकि वर्तमान बस स्टैंड के कारण आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
छतरपुर नगर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है। इसलिए यहां पर बाईपास की तुरंत आवश्यकता है। बाईपास का मामला भी ठंडे बस्ते में दफन हो गया है।
बढ़ती आबादी और बढ़ती रफ्तार के कारण रोजाना सड़क हादसे हो रहे हैं। सागर रोड और महोबा रोड पर डिवाइडर निर्माण की तुरंत आवश्यकता है। पिछले एक दशक से यहां पर संभाग बनाने की मांग लगातार उठ रही है। खासकर स्थानीय प्रशासनिक और भौगोलिक कारणों से। वर्तमान में छतरपुर सागर संभाग के अंतर्गत आता है। जिसमें 6 जिले शामिल हैं। यदि छतरपुर नगर को संभाग बनाया जाता है तो पन्ना, टीकमगढ़ और निवाड़ी को शामिल किया जा सकता है। इससे प्रशासनिक कामकाज में तेजी आ सकती है।
छतरपुर नगर में एक और गर्ल्स हायर सेकेण्डरी स्कूल की आवश्यकता है। क्षेत्रीय विधायक ललिता यादव जी दस साल से यह मांग करती आ रही हैं लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली।
जिला अस्पताल परिसर में स्थापित नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर दोबारा शुरू करने का मामला भी लालफीताशाही का शिकार हो गया है। 1964 में यह ट्रेनिंग सेंटर शुरू किया गया था जो 2016 तक संचालित किया जाता रहा है। परंतु अचानक इस सेंटर को बंद कर झाबुआ शिफ्ट कर दिया गया था। फ़रवरी 24 में राज्य सरकार ने पुनः ट्रेनिंग सेंटर शुरू करने का आदेश दिया था। लेकिन अब भी सेंटर शुरू नहीं किया जा सका है।
मुख्यमंत्री जी के कार्यक्रम में निसंदेह सभी जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। लोकहित में मेरा सभी से विनम्र अनुरोध है कि छतरपुर में संभागीय मुख्यालय, नौगांव में सैनिक स्कूल अथवा सैन्य गतिविधियों से जुड़े मुद्दों जैसे आयुध निर्माण आदि का सुझाव दिया जा सकता है। मेडिकल कॉलेज में अस्पताल की सुविधा, आईएसबीटी, डिवाइडर और नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर के लिए सामूहिक रूप से मांग की जाए। हमारे मुख्यमंत्री जी दाता हैं तो हम लोक कल्याण के लिए याचक बनकर उनसे यह सब हासिल कर सकते हैं।
छतरपुर को इसलिए बनाएं संभाग
प्रशासनिक सुविधा छतरपुर को संभाग बनाने से छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले के लोगों को प्रशासनिक कार्यों के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा, जिससे उनके धन और समय की बचत होगी और समस्याएं जल्द सुलझेंगी।
भौगोलिक स्थिति छतरपुर जिला उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा और अन्य जिलों के मध्य में होने से इसका अपना भौगोलिक महत्व है। इसे संभाग बनाने से क्षेत्र के विकास में मदद मिल सकती है।
स्थानीय मांग क्षेत्र के लोग लंबे समय से छतरपुर को संभाग बनाने की मांग कर रहे हैं, जिसे पूरा करने से उनकी समस्याएं हल हो सकेंगी।
पुनर्गठन आयोग मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन के लिए आयोग का गठन किया था। निश्चित ही संभाग की आवश्यकता पर विचार कर आयोग ने भी इसका सुझाव दिया ही होगा।

अर्जी है हमारी मर्जी है आपकी।

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