पंद्रह दिन में 2000 मीट्रिक टन करनी होगी गेहूं की स्टॉक लिमिट
Harda News : मध्यप्रदेश में गेहूं के दाम स्थिर रखने और काला बाजारी रोकने के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। मार्च 2025 तक गेहूं की स्टॉक सीमा तय करने के पूर्व में भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों में नई अधिसूचना द्वारा थोक विक्रेता अथवा व्यापारी की अधिकतम स्टॉक क्षमता एवं प्रोसेसर्स की मासिक स्थापित क्षमता में संशोधन किया गया है।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया है कि संशोधित आदेशानुसार 9 सितम्बर से 15 दिनों के भीतर व्यापारी अथवा विक्रेता को गेहूं का स्टॉक 2000 मिट्रिक टन तक लाना है। इसी प्रकार प्रोसेसर्स का स्टॉक भी उसकी मासिक स्थापित क्षमता के 60 प्रतिशत मात्रा को वर्ष 2024-25 के शेष महीनों की संख्या से गुणा करने पर आने वाली मात्रा के समतुल्य से अधिक नहीं रखना है। नियमों का उल्लंघन करने पर व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए तय सीमा से अधिक रखे अनाज को जब्त किया जाएगा। भंडारण को लेकर विभाग ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
समर्थन मूल्य पर उपार्जन कार्य में उपयोगी नाप-तौल उपकरणों का होगा सत्यापन
खरीफ उपार्जन वर्ष 2024 -25 में समर्थन मूल्य पर उपार्जन शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा। अभी किसानों द्वारा रजिस्ट्रेशन का कार्य किया जा रहा है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि उपार्जन केन्द्रों से संबंधित समितियां एवं कृषि उपज मंडी समितियों के नाप-तौल यंत्रों का शत- प्रतिशत सत्यापन उपार्जन कर शुरू होने के पूर्व कराया जाए। साथ ही जिले में उत्पादन कार्य में संलग्न शासकीय, निजी अथवा संयुक्त भागीदारी के भंडार गृहों के धर्म कांटा की भी जांच और सत्यापन सुनिश्चित करें। साथ ही इसकी साप्ताहिक रिपोर्ट भी भेजें।