Jamna Jaisani Foundation and Harda Railway LineHarda News

आजादी के 75 साल के बाद भी नही मिली हरदा इंदौर रेल लाइन – जैसानी

Harda News : महात्मा गांधी जी ने हरदा को ह्रदय नगरी कहा था, आजादी के 75 साल के बाद भी हरदा से इंदौर रेल लाइन नही बिछाई गई। जब हरदा को रेल लाइन मिलना था तो यह लाइन को संदलपुर से बुधनी घुमा दिया गया जिससे हरदा जिला वंचित रह गया। हरदा के हंडिया और नेमावर एक तीर्थ स्थल है,जैन समाज का भव्य मंदिर और मां नर्मदा का नाभी कुंड सहित कुबेर और भीम के द्वारा निर्मित मंदिर हंडिया नेमावर में है। हरदा कृषि प्रधान जिला है और अधिकतर कार्य शिक्षा, व्यापार, इलाज इंदौर से ही होते है।

जमना जैसानी फाउंडेशन एवं हरदा रेलवे लाइन आंदोलन समिति ने केंद्रीय मंत्री और बैतुल हरदा सांसद दुर्गादास ऊईके को ज्ञापन सौंपा। समिति के संरक्षक शांति कुमार जैसानी ने बताया कि हरदा से इंदौर रेल लाइन वास्तव में हरदा की जरूरत है। हरदा का हर वर्ग इंदौर से जुड़ा हुआ है, देश के बड़े बड़े नगर को मेट्रो ट्रेन दी जा रही है पर हरदा को रेल लाइन से वंचित किया जा रहा है।

जैसानी ने बताया कि हरदा से इंदौर लाइन मिल जाती है तो हरदा को फायदा होगा और लोगो को आर्थिक लाभ भी होगा, इंदौर से हरदा और बैतुल और नागपुर रायपुर लाइन मिलने से हरदा को जंक्शन का दर्जा भी मिल जायेगा। क्योंकि हरदा से दिल्ली और हरदा से मुंबई लाइन पहले से ही है, इंदौर से हरदा और बैतुल नागपुर लाइन मिलने से हरदा चारो और से जुड़ जायेगा।

समिति के सुरेश लोहाना ने कहा की हरदा इंदौर लाइन आज से 40 साल पहले प्रस्तावित थी पर आज दिनांक तक हरदा को वंचित रखा गया, लोहाना ने कहा की सांसद ने आश्वासन दिया है की इस मुद्दे पर कार्य किया जायेगा और हर संभव मदद की जायेगी बुधनी-इंदौर व्हाया संदलपुर के बीच 14 बड़े पुल एवं 47 पुलिया आते हैं, जबकि संदलपुर मैदानी इलाका है, केवल नर्मदा नदी पर एक ही पुल बनाना पड़ेगा, जो कि केन्द्र के लिए बहुत छोटा सा काम है, इसलिए इसे स्वीकृत किया जाये।