FM radio Akashvani is not broadcastingHarda news

Harda news: समय बदला, समय के साथ कई चीजें बदल गईं, सिर्फ नहीं बदली तो लोगों की रेडियो सुनने की दीवानगी। अब भी कई ऐसे श्रोता हैं जो पूरी शिद्दत से रेडियो सुनते हैं। यही वजह है कि हाईटेक होते इंटरटेनमेंट की दुनिया में लगातार रेडियो श्रोताओं की संख्या बढ़ती जा रही है।

आलम यह है कि आज भी लोग हजारों की संख्या में पत्र भेजकर अपनी पसंद के फरमाइशी कार्यक्रम सुनते हैं। यह हाल है आकाशवाणी सहित तमाम रेडियो चैनलों में, जो अब एफएम के नाम से जाने जाते हैं। दौर आज ई-मेल और एसएमएस का है, लेकिन चिट्ठीयों की अहमियत आकाशवाणी जैसी संस्था में अब भी बनी हुई है।

इसमें प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों के लिए सैकड़ों चिट्ठीयाँ आज भी आती हैं। रेडियो और उसके श्रोताओं का जो आपसी संबंध है, वैसा अन्य माध्यमों में कम ही देखने को मिलता है। परंतु जिले में चलने वाला आकाशवाणी एफएम रेडियो बैंड बंद होने सेे रेडियो प्रेमी श्रोताओं में नाराजगी है।

अब ऐसे श्रोता सोशल मीडिया पर नाराजी जता रहे हैं। नगर के घंटाघर भैरो बाबा मंदिर के पास टेलर का काम करने वाले 65 वर्षीय मनोहर लाल मोराने भी रेडियो के नियमित श्रोता हैं। रेडियों पर प्रसारित विविध भारती के कार्यक्रम रोजाना सुनते है। वह हमेशा अपने पत्र फरमाइश, सुझाव के लिए आकाशवाणी केंद्रों में भी भेजते हैं। अपने काम के साथ साथ रेडियो पर प्रसारित विविध भारती के कार्यक्रम सुनते है। रोजाना उस पर गीत संगीत सुनने उन्हें बहुत अच्छा लगता है।

श्रोता ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को पत्र लिखकर इसे चालू करने की मांग की भी है। वह हमेशा अपने पत्र फरमाइश, सुझाव के लिए आकाशवाणी केंद्रों में भी भेजते हैं। उन्होंने बताया कि जिले में करीब कई माह से रेडियो एफएम बैंड बंद हो गया है। स्थानीय रेडियो प्रसारण केन्द्र से विविध भारती एफएम रेडियो का प्रसारण नियमित नहीं चलता। जिसे चालू करने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपनी नाराजगी व्यक्त की और पत्र भी लिखा है।

एफएम बैंड का रिले सेंटर हरदा जिला मुख्यालय में खुला है। किंतु तकनीकी खराबी के कारण प्रसारण सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है। उनका कहना है कि देश के प्रधानमंत्री हर माह अपने मन की बात रेडियों पर करते है। पर रेडियों श्रोताओं को उनके लोकप्रिय रेडियों कार्यक्रम सुनने को नही मिल रहे है।

उन्होने सोशल मीडिया के जरिए प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि रेडियों स्टेशनों को सतत चालू रखा जावे क्योंकि सोशल मीडिया के जमाने में भी रेडियों सुनने के शौकिनों की कमी नही है। जल्द से जल्द आकाशवाणी का प्रसारण चालू किया जावे।