forced to irrigate in harsh winterHarda News

कड़ाके की ठंड में सिंचाई करने-

Harda News : जिले के किसानों को रात में बिजली दी जा रही है जिसके कारण किसान कड़ाके की ठंड में रात में गेहूं की सिंचाई करने को मजबूर है। दिन में 4 घंटे और रात में 6 घंटे बिजली सप्लाई की जा रही है। किसानों को रात में सिंचाई करने में दिक्कत हो रही है। कडाके की ठंड में रात में घर से बाहर निकलना मुश्किल है। ऐसे हालत में रात भर किसान कैसे सिंचाई करते होंगे इसका अंदाजा सहज तरीके से लगाया जा सकता है। रात के वक्त अधिकारी कर्मचारी घर से बाहर निकल कर देखें तो कड़ाके की ठंड का एहसास उन्हें होगा।

किसानों की भी जिन्दगी है एक बार अधिकारी बहार निकल कर तो देखे शीतलहर के इस दौर में किसान कितनी मुश्किल से घंन्टों पानी में खड़ें रहने पर मजबूर है। ज्यादा से ज्यादा गरीब किसानों को पानी देने वाले मजदूरों को अपनी जान जोखिम में डालकर पानी देना पड़ रहा है। हर इंसान की जान की किमत है ये प्रशासन को समझना चाहिए। जैसे अपनी जान की किमत है दूसरों की जान की भी उतनी अहमियत होनी चाहिए।

किसानों की मांग की अनदेखी –

रात के वक्त बिजली सप्लाई से बिजली और पानी का दुरुपयोग होता है। मोटर चलाकर किसान मजदूर सो जाते हैं और कभी-कभी रात भर जहां पानी नहीं देना चाहिए वहां भर जाता है। इसी के मद्दे नजर राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के पूर्व जिलाध्यक्ष रामनिवास खोरे ने पूर्व में जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया और मांग की कि दिन में दो शिफ्ट में पांच-पांच घंटे बिजली सप्लाई का शेड्यूल बनाया जाए। इस संबंध में किसानों की समस्या को सुनकर आश्वासन तो दिया जाता है किंतु उस पर अमल नहीं किया जाता है हर वर्ष किसान कड़ाके की ठंड में रात में पानी देने को मजबूर हो जाते हैं।

कड़ाके की ठंड में जान जोखिम में –

कड़ाके की ठंड में किसान मजदूर जान जोखिम में डालकर पानी देने को मजबूर हैं। किसानों की समस्या और मांग की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। समस्या को देख सुनकर अनदेखा किया जाता है जिसके कारण बिजली सप्लाई की समस्या वर्षों से विद्यमान है।

बाहर से तय होता है शेड्यूल –

बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारी यह कह कर हाथ खड़े कर देते हैं कि बिजली सप्लाई का शेड्यूल बाहर से तय होता है। जिसके कारण बिजली सप्लाई में परिवर्तन करना और किसानों को दिन में बिजली देने से पानी देने में दिक्कत हो रही है। किसानों को 10 घंटे बिजली देने की व्यवस्था की गई है किंतु समय प्रतिकूल होने के कारण किसान बिजली का सदुपयोग नहीं कर पा रहा है ।
किसानों के हित को नजरांदाज कर रहे अधिकारी

कृषक संजय दुबे का कहना है कि किसानों के हित को अधिकारी नजरांदाज कर रहे हैं। दो शिफ्ट में पांच-पांच घंटे की दर से बिजली सप्लाई करने की मांग की जा रही है। फिर भी इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

जिम्मेदार जवाबदेह अधिकारी किसानों की परेशानी को वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा कर स्थाई रूप से दिन में पानी देने की व्यवस्था नहीं की जा रही है। कड़ाके की ठंड में पानी देने के कारण किसान मजदूर बीमार हो जाते हैं जिसका इलाज करने में काफी पैसा लग जाता है और सिंचाई प्रभावित हो जाती है। बावजूद इसके किसानों की परेशानी देखते हुए बिजली सप्लाई के समय में परिवर्तन नहीं किया जा रहा है।

दिन में बिजली मिलने से किसान बिजली और पानी का अपव्यय नहीं होने देंगे। सिंचाई देखरेख में करेगें। रात में पानी का अव्यय होता है। इस संबंध में जिला कलेक्टर का ध्यान इस किसाने की समस्या का स्थाई समाधान करने की दिशा में उचित कदम उठाने की मांग की है।
जिला प्रशासन को वक्त रहते किसानों की इस समस्या पर गौर करना चाहिए। क्योंकि ठंड में इस तरह पानी देना किसानों की जान के लिए जोखिम है।