Example of humanity presented in the market of Madhya Pradesh, burnt crop sold for the first timeHarda news

Harda news : मध्यप्रदेश के हरदा जिले में मानवता की वो मिसाल पेश की गई। जिसका हर कोई तारिफ कर रहा हैं। इंसान की जिन्दगी की अहमियत ही क्या हैं जब उसके अंदर इंसानियत ही न हो। लेकिन दुनिया में आज भी कई ऐसे लोग हैं जो किसी के बुरे वक्त पर ऐसा मासिहा बन कर समाने आ जाते हैं। जिनको देखकर हर जुबा कह उठती हैं। दुनिया में इंसानियत आज भी जिंदा हैं।

ऐसा ही एक मामला हरदा जिले में देखने को मिला हैं। जिसमें टिमरनी क्षेत्र के विधायक कु अभिजीत शाह के सहयोग से एक वक्त के मार से मजबूर हुए एक किसान की अधजली हुई फसल को मंडी में एक व्यापारी विवेक सोमानी के द्वारा मंडी भाव से ज्यादा में खरीद कर किसान की मदद की मिसाल पेश की गई। ज्ञात हो कि दीपगांव कला टिमरनी विधानसभा क्षेत्र के वन ग्राम, रूटबर्रा के आदिवासी किसान, मांगीलाल और उनकी पत्नी की रातों रात दुनिया ही उजड़ गई और मुसीबतों का पहाड़ उन पर आ गिरा। शुक्रवार शाम को जब वह काम से घर लौट कर आए, तो देखा, उनके घर को आग ने पूरी तरह जला कर राख कर दिया था ।

घर तो बचा ही नहीं था, बचा था तो दूसरे कोने में अधजली हुई, गेहूं और चने की फसल। हालत यह थी की, ना खाने के लिए कुछ बचा था। ना ही, पहनने के लिए कपड़े । जब उन्होंने अपनी अधजली हुई फसल बेचने का प्रयास किया तो उन्हें मना कर दिया गया और फाडिया व्यापारियों द्वारा, ब मुश्किल 500 रुपया कुंटल का भाव बताया गया। ऐसे में टिमरनी क्षेत्र के विधायक कु अभिजीत शाह उनके लिए आशा की एक किरण बन कर पहुंचे।

टिमरनी विधायक, किसान की जली हुई फसल लेकर, खुद ट्रेक्टर चला कर, सिराली मंडी पहुंचे, और सिराली के व्यापारियों से निवेदन कर कहा की मैंने आज तक आप लोगो से कुछ नही मांगा, आज पहली बार आपसे, इस लाचार गरीब किसान के लिए कुछ मांग रहा हूं।

मैं जानता हूं की इस से आपका नुकसान होगा पर एक बार फायदे या नुकसान के लिए नहीं बल्कि मानवता का परिचय देते हुए गरीब किसान की मदद करिए। और पहली बार, मध्यप्रदेश में किसी भी मंडी में जली हुई फसल का भाव लगाइए।

जिस का परिणाम ये हुआ की, मध्यप्रदेश की मंडी में पहली बार, एक अधजले और गीले गेहूं की ट्राली का भाव एक अच्छे गेंहू से भी अधिक मिला। गेंहू 2501 रुपया कुंटल और चने का भाव 6011 रुपया कुंटल, के हिसाब से किसान को मिला ।

केवल इतना ही नहीं चूंकि आचार सहिता के कारण विधायक निधि पर प्रतिबंध लगा हुआ है विधायक जी द्वारा अपने जेब के पैसों से 15 हजार रुपयों की मदद भी की गई। और गरीब आदिवासी किसान के पूरे परिवार को पहनने और ओढऩे बिछाने के कपड़ों के साथ बर्तन, एवम राशन दिलवाया गया ।

मानवता का परिचय देते हुए किसान की जिंदगी में भगवान का स्वरूप बन कर आए व्यापारी का नाम विवेक सोमानी है जिन्होंने ये फसल इतने ऊंचे दाम पर खरीदी ।

व्यापारी विवेक सोमानी से जब पूछा गया की वो इस फसल का क्या करेंगे? तो उनके द्वारा बताया गया की फसल बहुत ही खराब हो चुकी है। वो इसे उपयोग मे नही ला पाएंगे। खरीदने का उद्देश्य केवल किसान की मदद करना था। हम सभी को मानवता का परिचय देना चाहिए ।