Harda News :  कलेक्टर आदित्य सिंह ने 11 व 12 नवम्बर को ’’देवउठनी एकादशी’’ के अवसर पर बड़ी संख्या में विवाह होने की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए विवाहों में सेवा देने वाले सभी सेवा प्रदाता जैसे कि प्रिंटिंग प्रेस वाले अर्थात शादी की पत्रिका छापने वाले, हलवाई, केटरर, घोडी वाले, धर्मगुरू, वाहन वाले, बैंड वाले, मैरिज गार्डन वाले, ब्यूटी पार्लर वाले, रिश्तेदार या नातेदार सभी से अनुरोध किया हैं कि वर वधू की उम्र स्कूल की मार्कशीट या जन्म प्रमाण पत्र में देखकर ही अपनी सेवा दें या विवाह में सम्मिलित हों, क्योंकि बाल विवाह अपराध है। बाल विवाह होने पर एक तरफ बालक-बालिका की शिक्षा पर अंकुश लग जाता है, वहीं दूसरी ओर बालिका के गर्भ धारण कर लेने से जान जाने का खतरा भी रहता है। इसके अलावा जन्म लेने वाले बच्चें भी कुपोषित होने की संभावना रहती हैं।

कलेक्टर सिंह ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु की बालिका एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालक का विवाह, बाल विवाह की श्रेणी में आता हैं, जो अपराध है। बाल विवाह की सूचना ग्राम स्तर पर शिकायतकर्ता किशोर न्याय बालकों की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम-2015 एवं नियम-2016 के तहत ग्राम स्तर पर गठित बाल संरक्षण समिति, जिसमें पंचायत सचिव, सभी वार्ड पंच, स्थानीय शासकीय विद्यालय के प्रधानाध्यापक, संबंधित क्षेत्र का थाना प्रभारी, आशा कार्यकर्ता व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल हैं, से शिकायत कर सकते है। इसी प्रकार शहरी क्षेत्र से बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति, जिसमें पर्यवेक्षक महिला एवं बाल विकास सचिव, प्राधानाध्यापक स्थानीय शासकीय विद्यालय, संबंधित क्षेत्र का थाना प्रभारी व स्वास्थ्य कार्यकर्ता को शिकायत की जा सकती है। इसके अलावा अध्यक्ष जिला बाल कल्याण समिति, कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास हरदा, कार्यालय परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास परियोजना टिमरनी, खिरकिया, हरदा शहरी एवं हरदा ग्रामीण में भी शिकायत कर सकते हैं।