Harda News : राष्ट्रीय पशुधन मिषन के घटक उद्यमिता विकास कार्यक्रम अंतर्गत बकरी पालन, मुर्गी पालन, सूकर पालन एवं चारा विकास को व्यवसायिक स्तर पर अपनाने के लिये भारत सरकार द्वारा बैंक ऋण एवं अनुदान आधारित योजना प्रारंभ की गई है। उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. एस. के. त्रिपाठी ने बताया कि योजना के तहत पषुपालन में रोजगार के इच्छुक उद्यमी 100, 200, 300, 400 एवं 500 बकरियों की बकरी प्रजनन इकाई स्थापित कर सकते हैं। भारत सरकार द्वारा बकरी पालन के लिये परियोजना लागत के केपीटल कॉस्ट पर 50 प्रतिषत या अधिकतम 50 लाख रूपये का अनुदान 2 किष्तों में प्रदान किया जाता है। इसी प्रकार मुर्गी पालन में रूचि रखने वाले उद्यमी कम से कम 1000 पेरेंट लेयर अण्डे देने वाली मुर्गी के साथ मुर्गी फार्म, ग्रामीण हेचरी एवं मदर यूनिट की स्थापना कर सकते हैं।
भारत सरकार द्वारा मुर्गी पालन के लिये परियोजना लागत के केपीटल कॉस्ट पर 50 प्रतिषत या अधिकतम 25 लाख रूपये अनुदान प्रदान किया जाता है। सूकर पालन के इच्छुक हितग्राही को भी भारत सरकार द्वारा सूकर पालन के लिये परियोजना लागत के केपीटल कॉस्ट पर 50 प्रतिषत या अधिकतम 30 लाख रूपये का अनुदान प्रदान किया जाता है। सूकर पालन के लिये कम से कम 100 मादा सूकर एवं 25 नर सूकर के साथ प्रजनन फार्म की स्थापना की जा सकती है।
इसी योजना अंतर्गत भारत सरकार द्वारा चारा विकास के लिये भी बैंक ऋण एवं अनुदान आधारित योजना के अंतर्गत परियोजना लागत के केपीटल कॉस्ट पर 50 प्रतिषत या अधिकतम 50 लाख रूपये का अनुदान 2 किष्तों में प्रदान किया जाता है। इसके अंतर्गत साइलेज मेकिंग यूनिट स्थापित की जा सकती है। डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि योजना के संबंध में अधिक जानकारी एवं आवेदन करने के लिए http://www.nlm.udyamimitra.in पर लॉगइन करें। इसके अलावा योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिये निकटतम विकासखण्ड स्तरीय पषु चिकित्सालय में भी संपर्क किया जा सकता है। जिले में वर्तमान में इस योजना अंतर्गत 3 बकरी प्रजनन फार्म एवं 1 साइलेज मेकिंग यूनिट संचालित है। उपसंचालक पषु चिकित्सा डॉ. एस.के. त्रिपाठी ने जिले के युवाओं, पषुपालकों एवं किसानों से योजना का अधिक से अधिक लाभ लेने के लिये अपील की हैं।