पावनसिटी खंडवा
खंडवा – प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं की स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा मंगलवार को जिला अस्पताल खंडवा एवं सामुदायिक व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में जांच कर उपचार किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ओ.पी. जुगतावत ने बताया कि प्रसव पूर्व देखभाल की गुणवत्ता एवं कवरेज को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की जाती है। उन्होंने बताया कि हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की चिकित्सक द्वारा आवश्यकता अनुसार सोनोग्राफी के लिए जिला अस्पताल खंडवा में निःशुल्क सोनोग्राफी की जा रही है। साथ ही उन्हें आवश्यक दवाईयां भी दी जा रही हैं, ताकि मातृ मृत्यु दर में कमी लायी जा सके। गर्भवती महिलाओं की काउंसलिंग कर उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरुक रहने, पौष्टिक आहार लेने व सरकारी अस्पताल में ही प्रसव कराने की समझाइश दी जा रही है।
कौन होती हैं हाई रिस्क वाली गर्भवती महिलाएं
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जुगतावत ने बताया कि हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं में एनीमिया से पीड़ित, उच्च रक्तचाप व डायबिटीज जैसे रोगों से पीड़ित महिलायें शामिल होती हैं। इसके अलावा जिन महिलाओं का पूर्व में सिजेरियन प्रसव हुआ हो या जुड़वा बच्चे, गर्भ में उल्टा बच्चा, पूर्व में गर्भपात हुआ हो, पूर्व में जन्मे शिशु में जन्मजात विकृति, कम वर्ष व 35 वर्ष से अधिक उम्र में गर्भधारण होना, अधिक बच्चे होना तथा टीबी, गुर्दे, हृदय रोग, मलेरिया, एचआईवी, हैपेटाइटिस बी जैसे रोगों से ग्रसित गर्भवती महिलाएं हाई रिस्क की श्रेणी में आती हैं।
