Girls become victims of accidents because of people who over-cut them.Editorial

हमारे देश में आए दिन कई हादसे होते है, जिसमें इस समस्या को नजर अंदाज किया जाता है। हमने अपने देश में अब तक इस समस्या कि वजह से कई हौनहार और काबिल बच्चियां जो देश का भविष्य थी अपने देश को तरक्की की रहा पर आगे बढ़ाने के सपने देखा करती थी ऐसी बच्चियों को समय से पहले इस समस्या की वजह से खो चुके हैं…..

आज हमारे देश में हम एक नई समस्या से दोचार है। इस समस्या का असर भारत की हर सौ में से निन्नयान्वे लड़कियों को झेलना पढ़ रहा है। ये समस्या कुछ ओछे किस्म के मानसिकता रखने वाले लडक़ों की वजह से हो रही है। जिसकी वजह से कई लड़कियाँ और महिलाएँ परेशान है और आए दिन इस समस्या की वजह से हादसों का शिकार हो रही है जिसकी वजह से कभी तो घायल होकर उनकी पूरी जिन्दगी नरक बन जाती है या कुछ तो इसका शिकार होकर अपनी जाँन गवा देती है।

ये ऐसी समस्या है जिसके ऊपर आज तक किसी का ध्यान नहीं गया है और ना ही कोई सोच सकता है कि ये भी एक बहुत बड़ी समस्या हो सकती है। इस समस्या की गम्भीरता वही लडक़ी या महिला समझ सकती है जिसका उसने सामना किया हो। इस समस्या कि अनदेखी की वजह से यह समस्या दिन दूगनी रात चौगनी बढ़ रही है। इस समस्या का ज्यादा शिकार स्कूल कॉलेज में पढऩे वाली बच्चियों पर पढ़ रहा है जिससे वो आए दिन दोचार हो रही है।

आज के दौर में हर कोई चाहता है कि उसकी बच्ची पढ़ लिखकर काबिल इन्सान बने इसलिए अभिभावक अपनी बच्चियों की पढ़ाई को लेकर बहुत सतर्क है और वो अपनी बच्चियों का हर वो सुविधा देना चाहाते है जिससे उनकी पढ़ाई में दिक्कत नहीं आए, लेकिन जब यही बच्चियां अपने घर से स्कूल कॉलेज के लिए निकलती है तो चाहे वह पैदल चल रही हो या सायकल से हो या स्कूटी से हो रहा चलते बाइक वाले लडक़े या फोर विलर वाले या ट्रक वाले चालक लोग उनको कट मारकर उनके करीब से गुजरने की कोशिश करते है। या उन्हें हाथ से छूने की कोशिश करते है जिससे सायकल या स्कूटी पर सवार लड़कियाँ घबरा जाती है इस बजह से उनका वैलेन्स बिगड़ जाता है और वे गिर जाती है कभी-कभी ऐसा होता है कि उनके गिरते ही कोई बस या ट्रक या कोई बड़ा वाहन अपनी रफतार से आ रहा होता है तो वो उसकी चपेट में आ जाती है इससे वो हादसों का शिकार हो कर अपनी जान गवा देती है या गंम्भीर चोट लगने से जिन्दगी भर का एक दर्द उनकी जिन्दगी से जुड़ जाता है।
हमारे देश में आए दिन कई हादसे होते है, जिसमें इस समस्या को नजर अंदाज किया जाता है।

अगर गम्भीरता के साथ हर हादसे की सीसी टीवी कै मरे से जाँच की जाए तो महिलाओं और लड़किया के साथ होने वाले सडक़ हादसो में ये समस्या सबसे पहले दिखाई देगी। हमने अपने देश में अब तक इस समस्या कि वजह से कई हौनहार और काबिल बच्चिया जो देश का भविष्य थी अपने देश को तरक्की की रहा पर आगे बढ़ाने के सपने देखा करती थी ऐसी बच्चियों को समय से पहले इस समस्या की वजह से खो चुके हैं। फिर भी हम इस समस्या को गम्भीरता से नहीं लेते है।

लेकिन अब बहुत हो गया है हमे इस समस्या कि ओर ध्यान देने की जरूरत है। इस समस्या को खत्म करने के लिए कड़े से कड़े कदम उठाने की जरूरत है। जहां हम चाहते है हमारी सरकार चाहती है। कि लड़किया हमारे देश में तरक्की करें और आगे बढ़े उस देश में इस तरह कि समस्या को गम्भीरता से नहीं लेना हमारे देश की आने वाली पीढ़ी पर भारी पढ़ सकता है। अगर हम 2022 से 2023 तक के आंकड़ों की बात करें तो आए दिन हमारे देश में इन आंकड़ो की संख्या बड़ रही है।

अगर आप टूव्हीलर चलाते है तो एक आग्रह मान लिजिए यातायात नियमों का पालन किजिए और सडक़ पर बिल्कुल सतर्क रहीए खास कर टूव्हीलर चालको से ये गुजारिश है इसलिए क्योकि पिछले वर्ष सडक़ हादसों कि आई रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि सिर्फ दो पहिया वाहन चालकों की गलती से 25 प्रशित हादसे हुए है इतना ही नहीं इस सडक़ दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों में अकेले 44 प्रतिशत टूव्हीलर चालक थे। दो पहिया वाहन चालकों से अनुरोध का एक खास मक्सद इनके पास हेलमट के सिवा सुरक्षा का कोई और साधन नहीं होता है। इसलिए जरूरी है कि वो ज्यादा सतर्क रहे ओवर स्पीडिंग बाईक वालों की लापरवाही की वजह से हमारे देश में पिछले साल सडक़ हादसों में मरने वालों की संख्या 1,68,491 मौते हुई।

आंकड़े बताते है कि पिछले वर्ष 2022 में देश कि सडक़ो पर होने वाली हर दस में से सात मौतो का कारण तेज रफतार थी बहुत दुखत खबर है कि विभिन्न कारणो से हुई सडक़ दुर्घटनाओं में पिछले वर्ष रिकार्ड 1,68,491 मौते हुई जबकि 4.4 लाख लोग घायल हो गए इनमे दो लाख के करीब लोग गम्भीर रूप से घायल हुए। विभिन्न यातायात नियमों के उलंघन के कारण हुई मौतों के लिहाज से गलत साईड से ड्राईविंग दुसरे नबंर पर रहा।

ये 2022 से 2023 में हुए सडक़ हादसों की रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट को भी ध्यान से देखे तो कहीं भी होने वाली मौतों के कारण में इस कारण की चर्चा नहीं कि गई है। इससे साफ जाहिर होता है कि इस समस्या के ऊपर किसी का अब तक ध्यान नहीं गया है। किन्तु हमने कई सालो से ऐसे हादसों पर ध्यान दिया है जिसकी वजह ओवर कट मारने वाले लोगों की वजह से कई महिलाएँ और लड़कियाँ हादसों का शिकार हुई है। घायल लड़कियों से हमने हादसे की वजह जानना चाही तो ज्यादा से ज्यादा लड़कियों और महिलाओं ने हमे हादसे कि वजह ओवर कट मारने वालों को बताया।

प्रशासन से हमारी गुजारिश है कि इस समस्या को गम्भीरता से ले इस दिशा में ज्यादा से ज्यादा सडक़ों पर महिलाओं और स्कूल कॉलेज पढऩे वाली बच्चियों की सुरक्षा के उचित व्यवस्था की जाए। ताकि उनकी जिन्दगी इन हादसों का शिकार होने से बच जाए। आए दिन इन हादसो कि शिकार लड़कियां अपनी पढ़ाई बीच में छोडऩे का मन बना लेती है। लड़कियाँ अपनी पढ़ाई जारी रख सकें। जो लड़कियाँ पड़ती है और आए दिन होने वाली इस समस्या को लेकर डिप्रेशन: में रहती है वो इस डिप्रेशन: से उबर सकें।

Syed Shabana Ali

Harda (M.P.)