तुम बिन ऐ मेरे सनम,
तन्हा थे तन्हा ही है हम,
सहते रहे हम, तन्हा ही ये गम,
कैसी है ये जिन्दगी ये कैसे है हम,
है बहुत मुस्किल तुझे भूल पाना,
क्योंकि तेरा है ये दिल तेरे तो है हम,
सोचते है तुझको तुझसे ही एक दिन मांग लेगे हम,
लेकिन न जाने किस अंजान रास्ते पर आकर रूक गई थी
जिन्दगी कहा रूक गए थे हम,
तुम बिन जीने के बारे में सोचा नहीं था हमने,
क्या है ये जिन्दगी, कैसे जीए जा रहे है हम,
बहुत बैकरार है दिल तुझसे मिलने के लिए,
कल था हमे तेरा इंतेजार वो आज भी,
तेरे इंतजार में ही तड़पते है हम,
न जाने क्या लिखा है तकदीर में हमारी,
कभी सोचते है क्या चाहता है दिल,
क्या चाहते है हम,