खाक बनके हवाओं में उड़ जाएगें,
ऐ जिन्दगी हम तुझे इस तरह से छोडक़र जाएगें,

फूल तो लाखों खिलेगे चमन में,
कुछ फूल होगे जो क्रब पे हमारी चढ़ाए जाएगें,

जरहा-जरहा हो जाएगें ख्वाब हमारे,
जब कब्र पे वो हमारी आंसू बहाएगें,

तकदीर का लिखा साफ-साफ नजर आएगा हमें,
जब तस्वीर वो हमारी सिने से लगाएगें,

तड़प के हम उस वक्त उनके ख्वाबों में तसरीफ लाएगें,
जब हमारी याद में वो रोते-रोते सौ जाएगें,

खमोशी में वो गुनगुनाएगें गीत मेरे,
बाद हमारे जब वो तन्हा रह जाएगें,