तबस्सुम है हम तेरे होठो की हमें पराया न समझना,
हम साया है हम तेरे जीवन का
किसी और को तू अपना हम साया न समझना,
हाए दिल तुझसे ही लगाया है हमने,
मोहब्बत में वफा का रिश्ता निभाया है हमने,
किसी गैर को तू कह कर अपना,
हमारे वजूद को भुलाया न करना,
तेरी सासों को इस तरह से दिल से लगाए रखते हैं,
मंगलसूत्र के हर मोती में तेरी धडक़नों को गिनते हैं,
अब समझकर तू इसे कच्चा धंगा,
अपनी ही मौत से टकराया न करना,
तबस्सुम है हम तेरे होठो की हमें पराया न समझना,