दर्द दिल को सताता है बहुत
आंसू झलकते है बार-बार आंखों से,
शबों रोज रूलाता है बहुत,
जिन्दगी से कहते है ये हम,
अब नहीं तड़पेगे चाहे आये कोई भी गम,
लेकिन दर्द ही जिन्दगी है,
ये तड़पाता है बहुत,
जहां से चले थे वही आ जाते है हम,
कोई मंझील नहीं रह जाती है हमारी,
वक्त ये अहसास कराता है बहुत,
जख्मों से हम वफा का रिस्ता निभाते चले गए,
आंसू झलकते रहे और हम मुस्कुराते चल गए,
यहीं जिन्दगी है अब दर्द जिन्दगी समझता है बहुत,