सुहानी सुबह में दिल आज मेरा नीदों में खोया है,
ये क्या गजब हुआ दिल आज मेरा नीदों में खोया है,
बुझने ही वाले है उम्मीदों के चिंराग,
गमों की आधियों का आज हुआ है जिन्दगी से मिलाव,
मिट रही है जिन्दगी मुस्कुराने के बाद,
हुआ है ये आज हमें अहसास,
दिल आज मेरा नीदों में खोया है,
काश इस मदहोशी से मुझे होश न आता,
जिन्दगी का लम्हा-लम्हा यूही गुजर जाता,
ख्वाब आंखों में यूही बने रहते,
रंग खुशियों के यूही सजे रहते,
दिल बार-बार यही सोचकर मुस्कुराता
सुहानी सुबह में दिल आज मेरा नीदों में खोया है,
सैयद शबाना अली
हरदा मध्यप्रदेश