सुहानी सुबह में दिल आज मेरा नीदों में खोया है,
ये क्या गजब हुआ दिल आज मेरा नीदों में खोया है,
ठंड़ी हवाओं के झोके आज छु कर मुझे जगाने आये,
पास है आज कितनी खुशियां फिर भी
दिल आज मेरा नीदों में खोया है,
जिन्दगी मुस्कुराती है आज बहारों को पाने के बाद,
मुक्कमल है आज मेरे सारे ख्वाब,
दिल आज मेरा नीदों में खोया है,
पक्षी गुनगुनाते है हसरतों के गीत कानों में
अरमानों के बागों में खिले है फूल बेसुमार फिर भी,
दिल आज मेरा नीदों में खोया है,
सैयद शबाना अली
हरदा मध्यप्रदेश