घटा बनके बरसने नहीं देते,
दिल बनके दिल में धडक़ने नहीं देते,
करीब है हम उनके कितने,
नजदीक वो हमको रहने नहीं देते,
शम्मा बनके जलने नहीं देते,
अफसाना बनाकर लिखने नहीं देते,
कहते है जिन्दगी है हम उनकी,
लेकिन हमसफर बनके जिन्दगी में हमको रहने नहीं देते,
चांद बनके चमकने नहीं देते,
फूल बनके महकने नहीं देते,
कहते है दीदार के लिए वो हमारे बैचेन है,
लेकिन नजरों के सामने हमको रहने नहीं देते,
हवा बनके सासों में रहने नहीं देते,
मुस्कान है हम उनके लबों की,
मुस्कान बनके होठों पर मुस्कुराने नहीं देते,
कहते है हम महोब्बत है उनकी,
लेकिन महबूब हमें अपना कहने नहीं देते,