दर्द है क्या ऐ मेरे दिल बता,
खमोश मत रह जा फरियाद कर फरियाद कर
रूक रही है धडक़ने थम रही है सासे,
ये इन्तेहा है दर्द की और न इन्तजार कर,
फरियाद कर फरियाद कर…

वो रंग बहारों के तेरे सामने बिखरा गए है,
खुशियों के फूलों के खिलने की खबर सुना गए है,
जख्म अब और गहरा हो गया है,
जिन्दगी अब मौत के सामने झुकने वाली है,
अब तु इस दर्दे दिल की तड़प को याद कर,
फरियाद कर फरियाद कर…

छीन रही है दुनिया तुमसे जिन्दगी तुम्हारी,
मिटने लगी है सारी खुशियां हमारी,
हमने भी कर ली है जा लुटाने की तैयारी,
अब तु भी इसमें कुछ तो अपना हिस्सा सुमार कर,
फरियाद कर फरियाद कर…

वक्त ने बंद कर दिये है जिन्दगी तक पहुंचने के सारे रास्ते,
अब कोई खुशी नहीं बची है हमारे बास्ते,
अब तो ये जिन्दगी तु गमों का हिसाब कर,
फरियाद कर फरियाद कर…

सैयद शबाना अली