Call me, my heart is lost in sleep today...Gazal

ऐ ठंड़ी-ठंड़ी हवाओं
ऐ शबनमी घटाओं,

मुझे पुकारों दिल आज मेरा नीदों में खोया है,
ऐ सर्द-सर्द हवाओं,

सफेद हिजाब में छुपती निकलती फिजाओं,
मुझे पुकारों दिल आज मेरा नीदों में खोया है,

ऐसा नीदों ने डाला आंखों में जोर है,
ऐ मुस्कुराती बहारों मुझे पुकारों दिल आज मेरा नीदों में खोया है,

है फूलों की अदाएं भी आज सेमी-सेमी,
ठंड़ी हवाओं में खुश्बू है महेकी-महेकी,

ऐ बादलों में छुपती निकलती कहकशओं,
मुझे पुकारों दिल आज मेरा नीदों में खोया है,

सैयद शबाना अली
हरदा मध्यप्रदेश

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