इटावा रेलवे स्टेशन पर कालका एक्सप्रेस के इंजन से एक फर्जी लोको पायलट गिरफ्तार किया गया है. लोको पायलट की यूनिफॉर्म, गले में रेलवे का आईडी कार्ड और हाथ में लाल व हरी झंडी लिए यह युवक असली ड्राइवर की तरह इंजन में बैठा था. असली लोको पायलट को कुछ शक हुआ तो उसने उसकी नौकरी के नाटक को पकड़ लिया.
क्यों बना ‘फ़र्ज़ी लोको पायलट’ इसके पीछे कौन-कौन लोगों का हाथ है ?
जीआरपी पुलिस इटावा ने जांच में पता चला कि गिरफ्तार युवक का नाम आकाश कुमार है उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के कौसल्या नगर का निवासी है आकाश कुमार दसवीं तक पढ़ाई की है विगत पिछले दो साल से खुद को लोको पायलट बताकर ट्रेनों में सफर कर रहा था. उसके पास से जो सामान बरामद हुआ, उसमें लोको पायलट की यूनिफॉर्म, एक नकली आईडी कार्ड, नेमप्लेट, फ्लैग्स और एक लॉगबुक भी शामिल थी.आकाश कुमार में बताया कि वह अक्सर ट्रेन का किराया बचाने के लिए फर्जी लोको पायलट बनता था.
पिछले लगभग दो साल से कर रहा था रेलवे में यात्रा कर रहा है
गिरफ्तार युवक आकाश ने कबूला कि वह पिछले दो वर्षों से अलग-अलग ट्रेनों के इंजनों में सफर करता आ रहा है.गिरफ्तार युवक आकाश बताया की एक्सप्रेस तो कभी पैसेंजर ट्रेनों में बैठ जाता. चूंकि उसकी वर्दी और आईडी कार्ड देखने में असली जैसे लगते थे, इसलिए किसी ने उस पर शक नहीं होता था
भारतीय रेलवे सुरक्षा पर खतरे की संभावना अधिक बन रही है
इटावा जीआरपी अधिकारियों का कहना है कि यह मामला महज किराया बचाने की मामला नहीं हो सकता है कि इसके पीछे किसी बड़े गिरोह का हाथ हो, जो बेरोजगार युवाओं से ठगी कर रहा हो. रेलवे सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है यदि युवक गिरफ्तार आकाश कुमार असली ड्राइवर की जगह ट्रेन चलाने लगता तो यह हजारों यात्रियों की जान से खतरा हो सकता था
इटावा जीआरपी अधिकारियों ने बताया कि युवक गिरफ्तार आकाश कुमार को जेल भेज दिया गया है और अब यह जांच की जा रही है कि उसके पीछे कोई संगठित गिरोह है या नहीं

